भोपाल। ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल प्रांत प्रमुख डीके सिंगौर के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में दिनभर भोपाल में मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें नवीन शिक्षण संवर्ग के शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराया।
आदिम जाति कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव डां.पल्लवी जैन गोविल, उप सचिव दिनेश श्रीवास्तव, सेक्शन आफिसर चौधरी जी, सहायक संचालक शिक्षा स्थापना प्रभारी एम एस तोमर, जनजाति कार्य विभाग के आयुक्त संजीव सिंह सहित ट्राईबल विभाग के अन्य अधिकारियों से मुलाकात की। मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा के दौरान अनुकंपा नियुक्ति की फाइल को लेकर वल्लभ भवन में दिन भर मगजमारी हुई और अंत में सार यह निकला कि शिक्षा विभाग ने बिना सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमोदन के अनुकंपा नियुक्ति नियम का शिथिलीकरण करते हुए प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दे दी, जबकि ट्राइबल विभाग द्वारा भेजी गई फाइल एक बार सामान्य प्रशासन विभाग ने वापस लौटा दी थी।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों के प्रयासों से एक बार फिर फाइल सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी जाएगी। ट्राइबल विभाग के भर्ती नियम में प्रयोगशाला सहायक के लिए पात्रता परीक्षा का उल्लेख है जबकि एजुकेशन विभाग के भर्ती नियम में नहीं है। यह भी एक जटिल समस्या है। एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्रता परीक्षा की बाध्यता को समाप्त करने की मांग की। चूंकि यह नोटिफिकेशन में है, इसलिए इसका फिर से नोटिफिकेशन संशोधन ही जारी होगा, जिसके चलते ट्राइबल विभाग में प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति में अभी और समय लगेगा। प्रमुख सचिव डॉ पल्लवी जैन गोविल पूर्व में मंडला जिले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी रह चुकी है, इसीलिए उनसे बहुत सौहार्दपूर्ण वातावरण में सभी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
एसोसिएशन के प्रांतीय प्रवक्ता संजीव सोनी ने बताया कि एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने सतपुड़ा भवन में एम एस तोमर से व बाद में प्रमुख सचिव से भी प्रतिनियुक्ति स्थानांतरण पर विस्तृत चर्चा की, लेकिन ट्रायबल विभाग में शिक्षकों की कमी को देखते हुए अधिकारी ट्रायबल विभाग से एजुकेशन विभाग में स्थानांतरण के लिए किसी भी तरह तैयार नहीं है। इस पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अंतर विभागीय पारस्परिक स्थानांतरण कराए जाने का सुझाव दिया दिया, जिस पर उन्होंने पूर्ण रूप से सहमति दी है। महिनों से अटकी सातवें वेतनमान के एरियर की फाइल प्रतिनिधि मंडल के दबाव में तुरंत शासन को भेजी गई, जिसका दो-चार दिन में आदेश हो सकते हैं। विलंब का कारण जानने पर अधिकारियों द्वारा गोलमोल जवाब दिया गया।
ऑनलाइन ट्रांसफर में जबलपुर संभाग के जिलों की लिस्ट ना निकलने, स्थानांतरण के लिए शालाओं में रिक्त पदों की सूची ना दिखने आदि विषयों पर भी चर्चा हुई। जिस पर अधिकारियों ने कहा कि हम जल्दी ही रिक्त पदों की सूची अपडेट कर रहे हैं, जो शीघ्र ही जिले दिखने लगेगी। इसके साथ ही क्रमोन्नति, वरिष्ठता सूची, डीए, वेतन-वृद्धि आदि पर भी चर्चा हुई, जिनका शीघ्र निराकरण कराने का आश्वासन दिया गया।
एसोसिएशन के प्रांत अध्यक्ष डीके सिंगौर, आईटी सेल प्रांत प्रभारी विजय उपाध्याय, मीडिया सह प्रभारी हीरानंद नरवरिया, मंडला कार्यकारी अध्यक्ष नंदकिशोर कटारे ने आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह से भी मुलाकात करने का प्रयास किया लेकिन उनके उमरिया प्रवास पर जाने के कारण मुलाकात नहीं हो सकी। शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल मंत्री महोदया के निवास पर जाकर अध्यापक संवर्ग की समस्याओं के संबंध में उनसे बात करेगा।