2. खिड़की, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें।
3. लोहे के पिलर वाले पुल के आसपास तो कतई नहीं जाएं।
4. ऊंची इमारतों वाले क्षेत्रों में शरण न लें, क्योंकि वहां वज्रपात का खतरा ज्यादा होता है।
5. अपनी कार आदि वाहन में हैं तो उसी में ही रहें, लेकिन बाइक से दूर हो जाएं, क्योंकि उसमें पैर जमीन पर रहते हैं।
6. विद्युत सुचालक उपकरणों से दूर रहें और घर में चल रहे टीवी, फ्रिज आदि उपकरणों को बंद कर दें।
7. बारिश के दौरान खुले में या बालकनी में मोबाइल पर बात न करें।
8. तालाब, जलाशयों और स्वीमिंग पूल से दूरी बनाएं।
9. अगर खेत या जंगल में हैं तो घने और बौने पेड़ की शरण में चले जाएं, लेकिन कोशिश करें कि पैरों के नीचे प्लास्टिक बोरी, लकड़ी या सूखे पत्ते रख लें।
10. समूह में न खड़े हों, बल्कि दूर-दूर खड़े हों। इसके साथ ही ध्यान दें कि आसपास बिजली या टेलीफोन के तार न हों।
11. वज्रपात में मृत्यु का तात्कालिक कारण हृदयाघात होता है। ऐसे में जरूरी हो तो संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा कार्डियो पल्मोनरी रेस्क्यूएशन (सीपीआर) प्रारंभ कर दें।