भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है। यहां 11 डॉक्टरों के नाम पर 31 फर्जी डॉक्टर, 31 अस्पतालों में प्रैक्टिस कर रहे थे। सीएमएचओ डॉक्टर प्रभाकर तिवारी ने गड़बड़ झाले को पकड़ लिया है परंतु समाचार लिखे जाने तक ना तो कोई पुलिस प्रकरण दर्ज किया गया है और ना ही मध्यप्रदेश शासन स्तर पर कोई जांच शुरू हुई है।
भोपाल में किन डॉक्टरों के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा था
सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी द्वारा मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में की गई शिकायत के अनुसार
Dr Pawan Chaurasiya-3
Dr Rahul Jain-3
Dr SL Patidar-4
Dr Suresh Chand Kumar -4
Dr Ramesh Chandra Vyas -5
dr Sabyasachi Gupta -4
Dr Hariom Verma -5
dr Gautam Chandra Goswami -13
dr B minj -7
Dr Rajan John -9
Dr Deepak Kumar Zutshi -5
घोटाला क्या हुआ है, सरल शब्दों में समझिए
फर्जीवाड़ा प्रमाणित हो चुका है। 11 डॉक्टर 42 अस्पतालों में बतौर रेजिडेंट डॉक्टर रजिस्टर्ड थे। रेजिडेंट डॉक्टर का मतलब होता है ऐसा डॉक्टर जो अस्पताल परिसर में रहता है और अस्पताल के लिए 24 घंटे उपलब्ध होता है। रेजिडेंट डॉक्टर के लिए शर्त होती है कि वह किसी भी दूसरे अस्पताल में चाहे वह बिल्कुल नजदीक ही क्यों ना हो, रेजिडेंट डॉक्टर की नियुक्ति पर काम नहीं कर सकता।
फर्जीवाड़ा साबित लेकिन ना जांच ना FIR
फर्जीवाड़ा साबित हो चुका है। सीएमएचओ ने दावा किया है कि यह 11 डॉक्टर 42 अस्पतालों में बतौर रेजिडेंट डॉक्टर रजिस्टर्ड थे। सीएमएचओ चाहते हैं कि मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल इनके खिलाफ कार्रवाई करें, लेकिन सीएमएचओ ने उन 42 अस्पताल संचालकों, निवेशकों, पार्टनरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मध्यप्रदेश शासन को कोई चिट्ठी नहीं लिखी।
इधर डॉ गौतम चंद्र गोस्वामी और डॉ. एसएल पाटीदार ने बयान दिया है कि वह केवल दो अस्पतालों में प्रैक्टिस कर रहे हैं, रेजिडेंट डॉक्टर के के तौर पर उनका नाम कितने अस्पतालों में हैं उन्हें नहीं मालूम। कितना मासूम से बयान है। एक डॉक्टर के नाम का दुरुपयोग हो रहा है और वह पुलिस में FIR दर्ज नहीं करवा रहा। अस्पताल संचालकों से कोई सवाल नहीं करता। सिर्फ पत्रकारों को जवाब देता है।
31 फर्जी डॉक्टरों की तलाश जरूरी है, मामला जनहित का है
यदि डॉ गौतम चंद्र गोस्वामी और डॉ. एसएल पाटीदार के बयान को सही मान लिया जाए और यही बयान सभी डॉक्टरों की तरफ से मान लिया जाए तो यह प्रमाणित हो जाता है कि भोपाल के 31 अस्पतालों में 31 फर्जी डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे थे। इन फर्जी डॉक्टरों ने ना केवल पैसा कमाया बल्कि मरीजों का इलाज किया और शायद कई मरीज गलत इलाज के कारण मारे गए। मामला जनहित का है। FIR दर्ज होनी चाहिए। इस मामले की जांच करने में भोपाल पुलिस पूरी तरह से सक्षम है।
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