यदि कोई सरकारी ऑफिस जलाने वाला हो तो उसे तत्काल गिरफ्तार कर सकते हैं या वारंट लाना जरूरी है, पढ़िए - CrPC SECTION-152

Bhopal Samachar
ऐसी संपत्ति जो सरकार द्वारा सार्वजनिक हित एवं उपयोग के लिए उपलब्ध करवाई गई है, लोक संपत्ति कहलाती है। यदि कोई व्यक्ति लोक संपत्ति (ट्रेन, बस, शासकीय भवन, पार्क, सड़क, पानी के जहाज, हवाई जहाज, सड़क के दिशा सूचक, समुद्र के चिन्ह इत्यादि) को नुकसान पहुंचाता है तो सही लोक संपत्ति निवारण अधिनियम,1984 के अंतर्गत अधिकतम पाँच वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

लेकिन यदि कोई व्यक्ति या फिर व्यक्तियों का समूह लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए आगे बढ़ रहा हो और घटनास्थल पर कोई पुलिस अधिकारी मौजूद है, तो लोक संपत्ति की सुरक्षा के लिए पुलिस अधिकारी क्या कर सकता है। क्या ऐसी स्थिति में उसे क्षेत्र के कार्यपालक मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत होकर वारंट हासिल करना होगा या फिर वह सीधे एक्शन लेकर उपद्रवियों को गिरफ्तार कर सकता है।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा- 152 की परिभाषा (सरल शब्दों में):-

किसी भी पुलिस अधिकारी को यह सूचना प्राप्त होती है कि किसी व्यक्ति या व्यक्ति के समूह द्वारा लोक संपत्ति (सार्वजनिक संपत्ति) को क्षति पहुंचाने की संभावना है तब पुलिस अधिकारी बिना वारण्ट के ऐसे व्यक्ति को धारा-152 के अंतर्गत गिरफ्तार कर सकती है एवं यह गिरफ्तारी वैध होगी। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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