आपने अक्सर देखा होगा कुछ बिस्किट्स में छोटे-छोटे छेद दिखाई देते हैं। सवाल यह है कि बिस्किट्स में छेद क्यों बनाए जाते हैं। क्या केवल डिजाइन के लिए ऐसा किया जाता है या फिर इसके पीछे कोई टेक्नोलॉजी है। आइए पता लगाते हैं:-
बेकरी वाले बिस्किट्स को बनाने के लिए जिस तरह की सामग्री यूज़ की जाती है, वह ऐसी होती है जो अधिक तापमान की स्थिति में बिस्कुट का आकार बदल सकती है। बिस्कुट गर्म होने पर रोटी की तरह फूल सकता है या फिर उस में दरार आ सकती है। वह बेकरी के अंदर दो हिस्सों में विभाजित हो सकता है, पकते समय ही टूट सकता है। क्योंकि बिस्किट बच्चों के लिए बनाए जाते हैं इसलिए ज्यादातर कोशिश इस बात की होती है कि उसकी सामग्री में किसी भी प्रकार की मिलावट ना की जाए।
इसीलिए कच्चे बिस्कुट को बेकरी की आग में रखने से पहले छोटे-छोटे छेद कर दिए जाते हैं ताकि बिस्कुट पूरी तरह से पक जाए और अधिक तापमान होने की स्थिति में उसे किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो। यह छोटे-छोटे छेद ऊष्मा को आर पार कर देते हैं। गर्म हवाओं से बिस्कुट का झगड़ा नहीं होता इसलिए बिस्कुट सुरक्षित पककर बाहर निकल आता है। है ना, कितनी छोटी सी टेक्नोलॉजी जो बिस्कुट की क्वालिटी बनाए रखने में मदद करती है। इस तकनीक का आविष्कार किसने किया, किसी किताब में उसका नाम नहीं मिला है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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