बंदूक की गोली जान लेती है जबकि दवाई की गोली जान बचाती है। गोली बंदूक की हो या दवाई की उसका आकार गोल होता है। अपने सामने सवाल आया है कि दवाई की गोली यानी मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली टेबलेट का आकार गोल क्यों होता है, चौकोर क्यों नहीं होता। आइए पता लगाते हैं:-
यह तो अपन जानते ही हैं कि दवाई वाले पाउडर को खाना मुश्किल होता था इसलिए उसकी टेबलेट बनाई गई। ताकि कोई भी आम इंसान उसे आसानी से निगल सके और उसका इलाज किया जा सके। टेबलेट के भीतर मौजूद दवाई को पर्यावरण एवं तापमान से बचाने के लिए उस पर पॉलीमर कोटिंग की जाती है। इसके कारण टेबलेट को हाथ में लेने के बावजूद उंगलियों में मौजूद कीटाणु, दवाई को प्रभावित नहीं कर पाते।
यह तो हुई बेसिक ज्ञान की बात, और अपने सवाल का एक जवाब ऊपर मिल ही चुका है। कोई भी इंसान आसानी से निगल सके इसलिए टेबलेट को गोल बनाया जाता है। यदि उसे चौकोर बना दिया जाएगा तो उसके गले में फंसने और गले के अंदर स्क्रैच करने की संभावना काफी बढ़ जाएगी। आपने भी महसूस किया होगा, अंडाकार टेबलेट गटकना थोड़ा मुश्किल होता है जबकि गोल टेबलेट का पता ही नहीं चलता कब वो पेट के अंदर पहुंच गई।
दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह है कि पेट के अंदर जाने के बाद चौकोर टेबलेट आतों में फंस सकती है जबकि गोल टेबलेट आसानी से निकल जाती है। पेट के अंदर टेबलेट के विघटन के दौरान आसानी होती है। यही कारण है कि टेबलेट को गोल अथवा अंडाकार बनाया जाता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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