रत्ती भर शर्म में, रत्ती से क्या तात्पर्य होता है, पढ़िए मजेदार जानकारी- GK in Hindi

Bhopal Samachar
बहुत सारे लोगों को इसके बारे में जानकारी होगी परंतु पूरी जानकारी बहुत कम लोगों को होती है, क्योंकि लोग रत्ती पर रत्ती भर ध्यान नहीं देते। आपने लोगों को कहते सुना होगा कि ' तुम्हें रत्ती भर भी शर्म नहीं आती। इसमें शर्म से क्या तात्पर्य है यह तो हम जानते हैं परंतु रत्ती का क्या अर्थ है। आइए आज अपनी लाइफ में एक रत्ती का महत्व जानते हैं। 

एक रत्ती से परिचय- कौन है और कहां पाया जाता है

आपको जानकर अच्छा लगेगा कि 'रत्ती' एक पौधे के फल का नाम है। यह फल लाल रंग का होता है और इस पर काले रंग का कैप नजर आता है। इस पौधे को गुंजा कहा जाता है। हाथ से छूने पर रत्ती नाम का फल बिल्कुल मोती की तरह प्रतीत होता है। यह फल पक जाने पर अपने आप गिर जाता है। गुंजा का पौधा ज्यादातर पहाड़ों में पाया जाता है।

लाइफ में एक रत्ती का महत्व 

सरल शब्दों में कह सकते हैं कि यदि एक रत्ती ना होता तो अपनी लाइफ में नापतोल ही नहीं हो पाती। 
एक रत्ती किसी भी चीज का वजन नापने के लिए सबसे छोटी इकाई है। 
रत्ती को आधार बनाकर ही तोलने के लिए शेष इकाइयां बनाई गई है। 

स्वर्ण आभूषण एवं बहुमूल्य जवाहरात का वजन नापने के लिए रत्ती किसी भी डिजिटल तराजू से ज्यादा विश्वसनीय और प्रमाणित है। 
आपको जानकर फिर से आश्चर्य होगा कि रत्ती के कितने भी फल तराजू पर तोल कर देख लीजिए, सब का वजन बराबर होता है। यही कारण है कि वजन तोलने के लिए इसे सबसे प्रमाणित प्राकृतिक उपकरण माना गया है। 
नापतोल में विवाद की स्थिति में निर्णायक फैसला रत्ती का फल ही करता है।
एक रत्ती का वजन आज के समय में प्रचलित डिजिटल मशीन पर 0.121497 ग्राम होता है।

इसीलिए तो कहते हैं हर रोज रत्ती भर कोशिश करेंगे तो सफलता जरूर मिल जाएगी। 
यदि रत्ती भर ध्यान देंगे तो लाइफ में समस्याएं नहीं आएंगी। 
किसी भी व्यक्ति को रत्ती भर महत्व देने से उसके साथ अच्छे रिलेशन बनाए जा सकते हैं। 
रोड पर ड्राइविंग के दौरान रत्ती भर की चूक मौत का कारण बन सकती है। 

एक रत्ती में कितना वजन होता है, भारत के पारंपरिक वजन अथवा पारम्परिक भारतीय वज़न

4 धान की एक रत्ती बनती है
8 रत्ती का एक माशा बनता है
12 माशों का एक तोला बनता है
5 तोलों की एक छटाक बनती है
16 छटाक का एक सेर बनता है (जिसे अब किलो कहते हैं)
5 सेर की एक पनसेरी बनती है (5 किलो)
8 पनसेरियों का एक मन बनता है (40 किलो)

विज्ञान की किताब में लिखा है: मटर इसकी बहन और चना भाई है

रत्ती के पौधे का वानस्पतिक नाम एब्रस् प्रेकेटोरियस (Abrus Precatorius) है जो कि फेबेसी कुल का सदस्य है। यह वही फैमिली है, जिसमें सभी प्रकार के फलीदार पौधे जैसे-  मटर, सोयाबीन, अरहर, चना आदि आते हैं। इसी कारण रत्ती को Rosary pea भी कहा जाता है, जो कि एक शाकीय व पुष्पीय पौधा (Herbaceous And Flowering plant) है। यह पौधा अपने बीजों के कारण प्रसिद्ध है और इन बीजों में एक Toxic substance  पाया जाता है जो कि बहुत ही ज्यादा घातक (fatal) होता है परंतु मज़ेदार बात यह है कि इसी टॉक्सिक सब्सटेंस के कारण इसका नाम Abrus रखा गया है।

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