अंग्रेजी की वर्णमाला में 26 अक्षर होते हैं। यदि हम स्मॉल लेटर्स की बात करें तो सभी अक्षर कुछ इस प्रकार से बनाए गए हैं कि उन्हें लिखने के लिए पेन को उठाना ना पड़े परंतु अंग्रेजी अक्षर आई (i) और जे (j) दो ऐसे अक्षर हैं जिन्हें लिखने के लिए पेन को उठाना पड़ता है। सवाल यह है कि कष्ट देने वाली यह व्यवस्था क्यों बनाई गई। विद्वानों ने i और j के ऊपर बिंदी क्यों लगाई।
i और j को tittle कहा जाता है
इंग्लिश के 26 लेटर्स में केवल दो लेटर्स i और j ऐसे हैं जिन्हें विशेष प्रकार से लिखा जाता है और इन्हें इसी विशेषता के कारण tittle (टिटेल) कहा जाता है। यह ध्यान रखना होगा कि यह title (शीर्षक) नहीं है बल्कि tittle है। Tittle ( टिटिल ) का अर्थ है एक छोटा सा डॉट/ स्ट्रोक / पार्टिकल / jot / whit जो लिखने या प्रिंट करने में यूज किया जाता है। कहा जाता है कि सबसे पहले इसका उपयोग बाइबिल में किया गया था। जानना यह भी जरूरी है कि अंग्रेजी में पहले सिर्फ कैपिटल लेटर होते थे, लिखने में काफी समय लगता था इसलिए स्माल लेटर डिवेलप किए गए।
i और j लेटर्स में बिंदी क्यों लगाई गई
दरअसल यह अविष्कार भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए बनाया गया। यदि आप हाथ से स्माल लेटर लिखते हैं और लेखन के दौरान n के बाद i लिखा जाए तो पहली नजर में वह m जैसा दिखाई देता है। इसी प्रकार यदि आप u के बाद j लिखते हैं तो दूर से देखने पर यह w जैसा दिखाई देगा। कुल मिलाकर एक भ्रम उत्पन्न हो जाता था। इसे दूर करने के लिए दोनों अक्षरों के ऊपर बिंदी लगा दी गई। ✒ ©️ Updesh Awasthee Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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