जबलपुर। Madhya Pradesh Medical Science University, Jabalpur में ऐसे ऐसे कारनामे सामने आ रहे हैं, जो शायद किसी प्राइवेट और फर्जी यूनिवर्सिटी में भी नहीं होते होंगे। एक नहीं बल्कि 3 छात्रों की मार्कशीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि सभी छात्रों की 2-2 मार्कशीट जारी हुई। पहली मार्कशीट में वह सभी फेल हो गए थे, दूसरी मार्कशीट में सभी पास हो गए। मजेदार बात यह है कि हर विषय पर अपने बयान जारी करने वाले चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, इस मामले में कोई बयान जारी नहीं करते।
मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में गड़बड़ी और घोटालों को रोकने के लिए ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली लागू की गई थी। इसके लिए करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए लेकिन नतीजा सबके सामने है। पूरी यूनिवर्सिटी किसी फोटोकॉपी वाली दुकान जैसी नजर आती है जिसमें एक कंप्यूटर ऑपरेटर डॉक्यूमेंट बनाता है और आदेशानुसार डॉक्यूमेंट में करेक्शन कर देता है। दोनों के बीच सिर्फ फीस का अंतर है। फोटोकॉपी वाली दुकान में ₹50 में एक डॉक्यूमेंट बन जाता है, यहां पैसे कुछ ज्यादा लगे हैं।
इस तरह हुआ रिजल्ट बदलने का खेल-
फेल ग्रेस से किया पास: 2016 की एमएससी की परीक्षा में अनुक्रमांक 1625876 के परीक्षार्थी की 1 नवंबर, 2019 को दो अंकसूची प्रकाशित हुई है। एक अंकसूची में उसका प्राप्तांक 435/700 है। उसे फेल बताया गया है। उसी दिन बनी दूसरी अंकसूची में प्राप्तांक 514/700 है। उसे ग्रेस के साथ उत्तीर्ण प्रदर्शित किया है।
योग वही, थ्योरी में बदल गए नंबर: 2018 में पोस्ट बेसिक बीएससी की परीक्षा में अनुक्रमांक 1852996 के परीक्षार्थी की 16 अक्टूबर, 2019 को दो अंकसूची प्रकाशित हुई। एक अंकसूची में इंग्लिश क्वालीफाइंग की थ्योरी के एक्सटर्नल अससमेंट में 43 नंबर है। इसी विषय में दूसरी अंकसूची में प्राप्तांक 49 है। लेकिन, दोनों ही अंकसूची में प्राप्तांक का कुल योग 760/1100 है।
पास होने के 13 दिन बाद फेल: 2018 की MBBS की परीक्षा में अनुक्रमांक 1742777 के परीक्षार्थी की 30 अगस्त, 2019 को पहली अंकसूची बनी। इसमें वह 312/600 अंक के साथ उत्तीर्ण है। इसी परीक्षार्थी की 13 सितंबर, 2019 को दूसरी अंकसूची बनी। इसमें कुल प्राप्तांक 293/600 थे। इस अंकसूची में उसे एनोटॉमी और फिजियोलॉजी में कम्पार्टमेंट है।
गड़बड़ी सामने आने के बाद मामला दबाया
विवि में अंकसूचियों के प्रकाशन में नंबरों की हेराफेरी का मामला तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. विशाल भार्गव ने पकड़ा था। सूत्रों के अनुसार तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक ने गड़बड़ी पर निजी कंपनी और रिजल्ट भेजने वाले गोपनीय विभाग के एक बाबू (अभी निलंबित) से जवाब-तलब किया था। आला अधिकारियों को मामले की जानकारी दी थी। तब अधिकारियों ने अंकसूची को जारी करने से रोककर धांधली को रफा-दफा कर दिया। रिजल्ट बनाने वाली और अंकसूची प्रकाशित करने वाली ठेका कंपनियों के डेटा का बारीकी से मिलान किया गया होता तो फेल छात्रों को उत्तीर्ण होने की जारी की गई। अंकसूची का बड़ा खेल उजागर हो सकता है।
27 अगस्त को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार
MP EMPLOYEE NEWS- कलेक्टर ने पटवारी का दुर्भावना पूर्वक ट्रांसफर किया था, हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया
MP EDUCATION DEPT- जिला शिक्षा अधिकारियों की तबादला सूची जारी
MP NEWS- कमलनाथ ने सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को फिर धमकाया
INDORE NEWS- कुल 4 SMS से हुआ खुलासा, कल्याणी की शादी क्यों टूटी, फांसी पर क्यों झूली
मध्य प्रदेश मानसून- बंगाली बदलियों और भादों के बादलों का मिलन होगा, पानी बरसेगा
BANK खाते से चेक पेमेंट के लिए RBI का नया नियम, कई खाताधारकों को परेशानी होगी
EMPLOYEE NEWS- HSS स्कूल लेखापाल के ट्रांसफर पर हाईकोर्ट का स्टे
EMPLOYEE NEWS- पेंशन योग्य वेतन का निर्धारण सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की पीठ करेगी
general knowledge- पुलिस रात में गश्त के टाइम हूटर क्यों बजाती है, क्या चोरों को अपने आने की बात बताती है, ध्यान से पढ़िए
MP NEWS- निमिषा अहिरवार ने मध्य प्रदेश, 2 जिले और पुलिस डिपार्टमेंट को प्राउड फील कराया
महत्वपूर्ण, मददगार एवं मजेदार जानकारियां
GK in Hindi- दवाई वाली गोली- गोल क्यों होती है, मेडिसिन टेबलेट का आकार चौकोर क्यों नहीं होता
GK in Hindi- क्या भगवान को प्रसाद में चॉकलेट चढ़ा सकते हैं, पहली चॉकलेट कहां बनी थी
GK in Hindi- बिस्किट्स में छोटे-छोटे छेद क्यों होते हैं, सिर्फ डिजाइन है या कोई टेक्नोलॉजी
GK in Hindi- ताश की गड्डी का चौथा राजा सुसाइड क्यों कर रहा है
GK in Hindi- एक पौधा जिसे खाने से महीने भर भूख-प्यास नहीं लगती
GK in Hindi- भारत का सबसे पहला गांव कौन सा है, जहां मनुष्य, बंदर से इंसान बना
:- यदि आपके पास भी हैं ऐसे ही मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
:- यदि आपके पास भी हैं ऐसे ही मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com