भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र वर्तमान शिक्षा सत्र में स्कूली विद्यार्थियों को फ्री कॉपी किताबें वितरित करवाने के लिए MPTBC (Madhya Pradesh Text Book Corporation) को स्कूल के प्रधानाध्यापक से डायरेक्ट कनेक्ट कर दिया है। एक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से पूरी प्रक्रिया संचालित की जाएगी। इसके कारण जिला एवं ब्लाक स्तर पर होने वाली गड़बड़ियां खत्म हो जाएंगी क्योंकि किताबें पाठ्य पुस्तक निगम से निकलकर सीधे स्कूल में डिलीवर की जाएंगी।
राज्य शिक्षा केंद्र ने वर्तमान सत्र 2021-22 से स्कूली छात्रों को निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण के लिए एन आई सी के सहयोग से ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम तैयार किया है। इस सिस्टम से पाठ्य पुस्तक निगम से प्रिंटिंग के बाद स्कूल स्तर पर बच्चों को वितरण तक पुस्तकों की ट्रैकिंग ऑनलाइन ऐप पर की जा सकेगी। संचालक राज्य शिक्षा केंद्र श्रीधन राजू एस ने बताया कि मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तकों की जियो फेन्स तकनीक के साथ पूर्णतः पारदर्शी और ऑनलाइन व्यवस्था करने वाला संभवत पहला राज्य है।
श्री धनराजू ने बताया कि इस पारदर्शी और पेपर लेस व्यवस्था में विभिन्न स्तरों पर जियो टैगिंग और पैकिंग की व्यवस्था रखी गई है। पाठ्य पुस्तक निगम के डिपो से ब्लॉक के लिए पुस्तक वितरण चालान बनते ही ब्लॉक अधिकारी को मोबाइल एप पर परिवहन वाहन के नंबर वाला अलर्ट प्राप्त हो जायेगा। पुस्तकें प्राप्त होने के बाद ब्लॉक अधिकारी चालान की पावती मोबाइल एप के माध्यम से ही पाठ्य पुस्तक निगम को प्रेषित करेंगे। ब्लॉक या स्कूल के लिए पुस्तकों की ऑर्डर संख्या के साथ विषयवार प्राप्त पुस्तकों और शेष पुस्तकों की जानकारी मोबाइल एप पर उपलब्ध होगी।
विकासखंड स्तर पर प्राप्त पुस्तकों को विकासखंड समन्वयक अपने विकासखंड के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में दर्ज नामांकन के अनुसार स्कूल वार ऑनलाइन डिस्पैच आर्डर बनाएगा। डिस्पैच ऑर्डर बनाने के लिए विकासखंड समन्वयक को कोई भी डाटा एंट्री नहीं करनी पड़ेगी। विकासखंड स्कूल की लोकेशन के अनुसार रूट चार्ट तैयार करके ट्रांसपोर्ट आर्डर बनाए जायेगे। प्रधानाध्यापक को स्कूल के डिस्पैच आर्डर का अलर्ट उनके मोबाइल पर प्राप्त होगा, जिसमें वाहन क्रमांक, चालक का नाम और मोबाइल नंबर की जानकारी होगी।
प्रधानाध्यापक स्वयं भी चालक से दूरभाष पर संपर्क कर पाठ्य पुस्तकों की शाला में डिलीवरी के लिए समन्वय कर सकते हैं यदि शाला स्तर पर प्राप्त पुस्तकों में कुछ पुस्तकों की कमी या डैमेज स्थिति में प्राप्त होने पर, उसकी रिपोर्टिंग की सुविधा भी मोबाइल एप पर दी गई है। प्रधानाध्यापक के शाला परिसर में उपस्थित होने पर ही पुस्तकों की डिलीवरी दी जायेगी, इसे जिओ टैगिंग से ट्रैक किया जायेगा।
प्रधानाध्यापक अपने स्कूल में एप के माध्यम से ही कक्षावार दर्ज बच्चों के नाम से पुस्तकों का वितरण करेंगे। यदि शाला में पुस्तक वितरण के उपरांत कोई नवीन नामांकन होता है तो मोबाइल ऐप अलर्ट देगा कि नवीन दर्ज बच्चे को पुस्तक वितरण किया जाना अभी पेंडिंग है। इसी तरह यदि किसी कक्षा में इनरोलमेंट कम हुआ है तो प्राप्त अतिरिक्त पुस्तकों को मोबाइल ऐप के माध्यम से ही वापस भेजने की रिक्वेस्ट भी प्रधानाध्यापक द्वारा की जा सकेगी।
श्री धनराजू ने बताया कि वर्तमान सत्र में लगभग 3 करोड़ 55 लाख से अधिक पाठ्य पुस्तकों का वितरण इस ऐप के माध्यम से सुनिश्चित किया जा रहा है। लगभग तीन करोड़ 27 लाख से अधिक पाठ्यपुस्तक के विकासखंड कार्यालय से प्राप्त की जाकर कक्षा पहली से आठवीं तक संचालित लगभग 94 हजार से अधिक शासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों तक पहुंचाई जा रही है।
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