इंदौर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में स्पष्ट कर दिया है कि अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान, शिक्षा विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती और बेरोजगारों के साथ न्याय मेरा मुद्दा नहीं था। मेरा मुद्दा कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र था।
पत्रकार वार्ता के दौरान जब भोपाल में चयनित महिला शिक्षकों के प्रदर्शन और बेरोजगारों पर लाठीचार्ज का सवाल किया गया, और पूछा गया कि जिन मुद्दों को लेकर आपने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी, वह मुद्दे आज और भी गंभीर हो गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट करते हुए कहा कि मेरा मुद्दा कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र था।
कांग्रेस पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र में जो वादे किए थे, वह पूरे नहीं किए जा रहे थे। जब मैंने सवाल उठाया तो उन्होंने कहा गया कि सड़क पर उतर जाओ, इसलिए मैं उतर गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बात और स्पष्ट कर दी कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने घोषणा पत्र में जो वादे किए थे, वह पूरे किए जाएंगे। कुल मिलाकर उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि बेरोजगार, युवा और किसानों के मुद्दे पर अब कोई लड़ाई नहीं लड़ेंगे। वह सिर्फ विकास के लिए काम करेंगे।
खरगापुर में क्या कहा था ज्योतिरादित्य सिंधिया ने
अतिथि शिक्षकों एवं अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर उनकी ढाल और तलवार बनने का वचन देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि आम जनता की पैरवी करना, आपकी लड़ाई लड़ना यह सिंधिया परिवार के रग-रग में सदियों से रहा है और आप को आगे बढ़ाना यह मेरा दायित्व है।
सवाल प्रासंगिक था,अच्छा भी मुद्दा भी बिल्कुल सही है लेकिन कई बार जवाब से दिशा कैसे बदली जाती है वो इस संवाद से सुनिये @JM_Scindia #Teachers @brajeshabpnews pic.twitter.com/lqDDphEYkT
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) August 19, 2021