अस्थमा के मरीज का डाइट प्रोटोकॉल

Bhopal Samachar

Diet protocol of asthma patient 

अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ों के अंदर संक्रमण या सूजन आ जाती है। जिससे फेफड़ों की कार्य क्षमता प्रभावित होती है। इसमें रोगी को सांस लेने और छोड़ने में तकलीफ होती है। अस्थमा के मरीज कुछ आहार संबंधी विशेष बातों का अगर ध्यान रखें तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

अस्थमा में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए

अस्थमा के रोगी को कफ युक्त भोज्य पदार्थ जैसे दूध, दही, पनीर, मूंगफली, तिल, घी, तले गले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
सौ ग्राम अनार के दानों का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए क्योंकि अनार में कुछ ऐसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो फेफड़ों की सूजन को कम करने के साथ और कफ को भी कम करते हैं।

सूखे मेवों में अंजीर और मुनक्का को भिगोकर खाने से कफ में बहुत आराम मिलता है।
चाय की जगह ब्लैक कॉफी जो एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ साथ बी12 से भरपूर होती है उसके प्रयोग से फेफड़ों की सूजन तथा दमा का दौर कम होता है।

आंवले अदरक का जूस दमा के व्यक्तियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
सहजन की पत्तियों का पाउडर गर्म पानी में मिलाकर लेने से धीरे धीरे दमा कम हो जाता है।
प्राणायाम प्रतिदिन करना चाहिए। सूर्यभेदी प्राणायाम अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी है।

क्या अस्थमा पूरी तरह ठीक हो सकता है? 

यदि मरीज गंभीरता के साथ डाइट प्रोटोकॉल का पालन करता है और नियमित रूप से डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दवाइयों का सेवन करता है, तो अस्थमा निश्चित रूप से पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
उर्मिला सिसोदिया, डायटिशियन, बेंगलूरू संपर्क: 8197102288

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