GWALIOR HC NEWS- हत्या के मामले में फोरेंसिक एक्सपर्ट के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश

Bhopal Samachar
ग्वालियर
। हाईकोर्ट ने हत्या के एक मामले की वरिष्ठ फोरेंसिक एक्सपर्ट द्वारा की गई जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि न्यायालय को प्रथम दृष्टया स्पष्ट मत है कि फोरेंसिक एक्सपर्ट ने गलत जांच कर तथ्यों में हेरफेर की कोशिश की है। उनके इस आचरण को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने डीजीपी मध्यप्रदेश को फोरेंसिक एक्सपर्ट अखिलेश भार्गव को चार माह में विभागीय जांच कर अंतिम आदेश पारित करने के निर्देश दिए हैं। 

न्यायमूर्ति ने भीकम सिंह बघेल के जमानत आवेदन को खारिज करते हुए यह आदेश दिए हैं। आरोपी भीकम सिंह बघेल को 14 मई 2021 को बहोडापुर थाना पुलिस द्वारा हत्या के अपराध में गिरफ्तार किया था। भीकम सिंह पर आरोप है कि उसने अपनी पत्नी रजनी की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। न्यायालय ने प्रकरण के तथ्यों को देखते हुए कहा कि यह मामला जमानत का नहीं है लिहाजा आरोपी के आवेदन को खारिज कर दिया गया। न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आरोपी की पत्नी की मौत का कारण गला घोंटने से होना बताया गया है। प्रकरण में मृतका के पिता ने एफआईआर दर्ज कराई थी। उसके पिता ने बताया था कि उसकी बेटी ने सुबह फोन कर बताया था कि उसके पति द्वारा उसे पीटा जा रहा है। शाम को पांच बजे जब वह बेटी के घर गया था तब वहां शोर सुना उन्होंने देखा कि आरोपी उसकी बेटी का गला घोंट रहा था।

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि फोरेंसिक अधिकारी अखिलेश भार्गव द्वारा इस मामले में जिन तथ्यों का उल्लेख किया गया है वह अभियोजन के विपरीत है। ऐसे नोट तैयार किए गए हैं जिसमें स्पष्ट प्रतीत होता है कि भार्गव ने आरोपी की सहायता का प्रयास किया है। न्यायालय ने फोरेंसिक एक्सपर्ट की व्यक्तिगत डायरी को लिफाफे में बंद करने के निर्देश देते हुए इस मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।

यहां हुई जांच गड़बड़
भार्गव ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि घटना 14:30 बजे हुई, वे 19:00 बजे सूचना मिलने पर 20:45 बजे तक मौके पर पहुंचे थे। जबकि मृतका के पिता ने रिपोर्ट में यह दर्ज कराया था कि घटना 17:45 बजे हुई थी, उन्होंने आरोपी को मृतक का गला घोंटते हुए देखा था। वे घटना के चश्मदीद हैं। इस प्रकार भार्गव की निरीक्षण रिपोर्ट पर सवाल उठते हैं। निरीक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि मृतक के माता-पिता को घटना की सूचना दी गई, जबकि मृतक के पिता चश्मदीद के तौर पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 

जांच के दौरान वहां से पुलिस ने छोटे बाल भी जब्त किए थे। जबकि फॉरेंसिक एक्सपर्ट अखिलेश भार्गव ने कहा कि एक बाल चिपका है। न्यायालय ने कहा कि भार्गव द्वारा मौके पर जो छोटे नोट तैयार किए थे। बाद में पुलिस की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट उसके विपरीत थी। न्यायालय ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट की व्यक्तिगत डायरी भी जब्त कर उसे जांच के लिए भेजे जाने के निर्देश दिए हैं।

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