नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भारत में गरीबों को दिए जा रहे मकान के मामले में केंद्र सरकार ने नियमों में संशोधन किया है। एक बात बिल्कुल स्पष्ट कर दी गई है कि सरकार द्वारा गरीबों को स्वयं रहने के लिए लीज पर मकान आवंटित किए जा रहे हैं। लीज का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट, संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं है। पात्र व्यक्ति जीवन भर उसमें रह सकता है परंतु नियमों का उल्लंघन करने पर अथवा पात्रता के समाप्त हो जाने पर लीज-आवंटन रद्द हो जाएगा।
पीएम आवास योजना के नए नियमों में क्या लिखा है
संशोधन के बाद लागू किए गए नए नियमों के अनुसार निर्धन नागरिकों को रहने के लिए घर देने के पांच साल बाद तक यह देखेगी कि आप उस घर में रह रहे हैं या नहीं। अगर आप उस घर में ठीक तरीके से रह रहे हैं तो आपका एग्रीमेंट लीज डीड में बदल जाएगा और आप आगे भी उसी घर में रह सकेंगे। ऐसे लोगों का आवंटन रद्द कर दिया जाएगा जो आवंटित मकान में नहीं रहे बल्कि कहीं और रह रहे हैं। जिन्होंने अपना निजी मकान बना लिया है अथवा आवंटित मकान को किराए पर दे दिया है।
कानपुर से हुई शुरुआत- 5 साल की लीज
कानपुर विकास प्राधिकरण में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू लीज के तहत लोगों को आवास दिए जा रहे हैं। पहले चरण में 60 लोगों के साथ एग्रीमेंट किया गया है। यहां अभी 10900 से ज्यादा मकानों का आवंटन इसी एग्रीमेंट के जरिए किया जाएगा। कानपुर के बाद बाकी जगहों पर भी ऐसे ही एग्रीमेंट के जरिए पांच साल के लिए घर दिए जाएंगे और लाभार्थियों की समीक्षा के बाद उन्हें लीज डीड दी जाएगी या उनसे घर छीन लिया जाएगा।
लीज पर ही रहेंगे फ्लैट
पहले सरकार पात्र लोगों को स्थायी तौर पर घर देती थी। इस वजह से कई लोग अपना सरकारी घर किराए पर देकर खुद कहीं और रहते थे और सरकारी योजना का दुरुपयोग करते थे। अब नए नियमों के अनुसार कोई भी फ्लैट स्थायी तौर पर किसी को भी नहीं दिया जाएगा। सभी लाभार्थियों को लीज में ही मकान मिलेंगे। इस वजह से कोई भी अपना मकान किराए पर नहीं दे पाएगा।
क्या है नियम
नए नियमों में यह साफ किया गया है कि जिस व्यक्ति को घर आवंटित हुआ है, उसकी मौत होने पर उसके परिवार के सदस्यों को ही यह घर मिलेगा। किसी दूसरे परिवार के सदस्य को घर आवंटित नहीं होगा। साथ परिवार के लोगों को इस घर में 5 साल गुजारना होगा तभी उनकी लीज आगे बढ़ेगी और उनके घर छोड़ने पर मकान से उनका लीज एग्रीमेंट भी खत्म हो जाएगा।
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