निमोनिया एक फफड़ों (Lungs) का रोग है जो मुख्य रूप से फेफड़ों में स्थित कूपिकाओं (Alveoli) को प्रभावित करता है। जिसके कारण रोगी की श्वांस नली (Trachea) एवं कूपिका (Alvioli) में लिम्फ (Lymph) तथा श्लेष्मा (Mucus) जमा हो जाता है। आम भाषा में कहें तो कफ् जमा हो जाता है। यह रोग जीवाणु ( Bacteriya) स्ट्रैप्टॉकोकस न्यूमोनी और हीमोफिलस इंफ्लुएंजी नामक जीवाणु के संक्रमण से होता है।
निमोनिया के लक्षण - Symptoms of Pneumonia
इस रोग के कारण रोगी को बहुत तेज़ खांसी आती है, सांस लेने में तकलीफ होती है और सांस तेजी से चलती है। इसके साथ ही छाती में दर्द भी होता है। कई बार इसमें 105 डिग्री तक फीवर भी हो जाता है और रोगी को अत्यधिक पसीना आता है और उसके होंठ और नाखून नीले पड़ जाते हैं। बच्चे तथा वृद्ध इस रोग के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं।
निमोनिया रोग कैसे फैलता - How Does Pneumonia Spreads
निमोनिया का संक्रमण भी ठीक कोरोना की तरह ही रोगी व्यक्ति द्वारा मुक्त किए गए ड्रॉपलेट्स अथवा एरोसॉल्स के माध्यम से होता है। इसके अलावा यह रोग, रोगी व्यक्ति के संपर्क में आए बर्तनों को use करने से भी हो जाता है।
निमोनिया जीवाणु की पुटी (Cyst) रोगी के बलगम द्वारा भी फैलती है।
निमोनिया से बचने के उपाय - How Can We Prevent From Pneumonia
निमोनिया की रोकथाम के लिए तो टीके (Vaccine) उपलब्ध हैं परंतु इसके साथ ही हाथ धोने एवं धूम्रपान से दूर रहकर भी हम इस रोग से बच सकते हैं। इसके अलावा चूँकि निमोनिया एक जीवाणु जनित बीमारी (Bacterial disease) है, इसलिए इसके लिए प्रतिजैविक (Antibiotic) का उपयोग भी किया जाता है।