भोपाल। बात सिर्फ व्यवसायिक परीक्षा मंडल भोपाल या फिर मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर की नहीं है। पूरे मध्यप्रदेश का यही हाल है। कुछ का खुलासा हो गया है, कुछ का होना बाकी है। ताजा समाचार विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन से आ रहा है। यहां एक स्टूडेंट से 1 दिन में 9 पेपर अटेंड करा दिए और एक ही दिन में वह बच्चा बीकॉम पास हो गया।
इस खेल में कुछ और रैफरी तो विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी हैं और खिलाड़ी एक छात्रा है जिसका नाम दीपिका सिंह पवार निवासी बड़नगर बताया गया है। दीपिका सिंह ने 2011 में बीकॉम फाइनल ईयर की परीक्षा दी थी। 2 महीने बाद जब रिजल्ट आया तो दीपिका की दो सब्जेक्ट में सप्लीमेंट्री थी। दीपिका सिंह ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया। एक सब्जेक्ट में पास हो गई दूसरे में तीन नंबर कम रह गए। यूनिवर्सिटी ने उसे पासिंग सर्टिफिकेट दे दिया।
नियमानुसार M.Com में प्रोविजनल एडमिशन मिल गया। बस यहीं से यूनिवर्सिटी की लापरवाही शुरू हुई। वह दो साल तक M.Com करती रही और डिग्री भी ले ली, लेकिन B.Com लास्ट ईयर में फेल थी। इस बीच उसका M.Com भी कंप्लीट हो गया।
10 साल बाद आया पेंच
छात्रा दीपिका सिंह पवार ने 10 साल बाद यानी 2021 में नौकरी के लिए आवेदन दिया। उसमें छात्रा से M.Com के साथ B.Com फाइनल ईयर की डिग्री मांगी गई। छात्रा ने नियमानुसार फीस जमा करके B.Com की डिग्री के लिए आवेदन दिया। इस आवेदन के आधार पर जब यूनिवर्सिटी ने छात्रा का रिकॉर्ड देखा तो उसमें पता चला कि छात्रा ने B.Com तो पूरी तरह से पास ही नहीं किया। अब यहीं से यूनिवर्सिटी ने अपनी लापरवाही छिपाने के तरीके ढूंढ़ने शुरू किए।
एक ही दिन में परीक्षा ली
इस मामले में अफसरों के बीच ताबड़तोड़ चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। तय किया गया कि नोटशीट चलाकर छात्रा को पूर्व से वंचित छात्र के रूप में B.Com तृतीय वर्ष के लिए ऑनलाइन आवेदन करवाया जाए और एक ही दिन में सभी परीक्षाएं ली जाएं। इसी आधार पर विक्रम यूनिवर्सिटी ने बीते हफ्ते एक ही दिन में 9 विषय की परीक्षा ले ली। सभी उत्तर पुस्तिकाएं जमा कर लीं, एक ही दिन में जांच भी कर दी और शाम तक परीक्षा परिणाम भी घोषित कर दिया। इतना ही नहीं मार्कशीट भी दे दी।