मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 में संशोधन किए गए हैं। भू राजस्व संहिता की धारा 50 और धारा 59 (4)(5) के तहत प्रकरण के पुनरीक्षण संबंधी और डायवर्सन के संबंध में कुछ नियमों को बदला गया है। राजस्व विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इसके कारण आम नागरिकों को सुविधा होगी।
भू-राजस्व का पुनर्निधारण
Madhya Pradesh land revenue code- 1959 (भू-राजस्व संहिता-1959) की धारा-50 के तहत किसी प्रकरण के पुनरीक्षण के लिए समयावधि 45 दिवस ही होगी। अब आवेदन पर या स्वप्रेरणा से पुनरीक्षण राजस्व मंडल या आयुक्त या कलेक्टर द्वारा ग्राह्य किया जा सकेगा। इसी तरह धारा-59 (4) (5) के तहत धारक अपनी भूमि के डायवर्शन के परिणाम स्वरूप भू-राजस्व का पुनर्निधारण स्वयं कर सकेगा।
मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता- आवेदन की पावती ही डायवर्सन का प्रमाण पत्र है
व्यपवर्तन (diversion) की अनुज्ञा की अनिवार्यता समाप्त की गई है, लेकिन व्यपवर्तन किए जाने पर प्रभावशील विधियों का पालन धारक को करना होगा। धारा 59 (10) के तहत भूमिस्वामी केवल ऐसे प्रयोजन के लिए ही भूमि व्यपवर्तित करेगा, जैसी वह विधि के अधीन अनुरूप होगी। भूमि उपयोग एवं विधि के प्रतिकूल पाए जाने पर सक्षम अधिकारी नियम के अनुसार भूमिस्वामी के खिलाफ कार्यवाही कर सकेगा। अब आवेदन की पावती ही व्यपवर्तन का प्रमाण है।
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