दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 178 यह बताती है कि सामान्य तौर पर उसी न्यायालय में किसी अपराध की सुनवाई की जाती है जिसको अधिकारिता क्षेत्र में कोई अपराध हुआ है लेकिन अगर कोई ट्रेन भोपाल से दिल्ली जा रही है और ऐसे में कोई चोर ट्रेन में चोरी कर लेता है तब पीड़ित व्यक्ति को पता ही नहीं है कि अपराध किस न्यायालय क्षेत्र में हुआ है ऐसे में पीड़ित व्यक्ति कहाँ शिकायत दर्ज करवाएगा जानिए।
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 178 की परिभाषा:-
जब कोई अपराध निम्न स्थानों पर किया गया हो-
1. पता लगाना मुश्किल है कि अपराध किस स्थान पर हुआ है।
2. जहां अपराध कुछ एक स्थान पर और कुछ अन्य स्थान पर किया गया हो अर्थात चोरी।
3. चालू रहने वाला अपराध किया गया हो अर्थात चलती, बस, ट्रेन में लूटपाट करना।
4. अपराध विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा हो अर्थात धोखाधड़ी देकर पैसे लेना।
तब पीड़ित व्यक्ति उस न्यायालय में उपर्युक्त अपराध की शिकायत करेगा जहाँ वह अपराध होने के बाद मौजूद हो। अर्थात ट्रेन में चोरी की शिकायत व्यक्ति जहाँ ट्रेन रुकी हुई है वहाँ के न्यायालय में कर सकता है।
चेक बाउंस की शिकायत किस न्यायालय द्वारा सुनी जाती है:-
निशान्त अग्रवाल बनाम कैलाश कुमार शर्मा-: उक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया है कि-चेक अनादरण के मामलों की सुनवाई ऐसे न्यायालय द्वारा की जाएगी:-
1.जहाँ परिवादी (शिकायतकर्ता) निवास करता है।
2. या जहाँ उसे चेक दिया गया है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com