अपन ने अक्सर एक्सपीरियंस किया है। कुछ लोगों की तो प्रैक्टिस में शामिल है। गर्मी के मौसम में शावर से नहाते हैं क्योंकि नल में से गर्म पानी निकलता है जबकि शावर में से अपेक्षाकृत ठंडा पानी मिलता है। सवाल यह है कि जब छत पर एक ही टंकी रखी है और टंकी के पानी का तापमान समान है तो फिर नल और शावर से निकलने वाले पानी का तापमान अलग-अलग क्यों हो जाता है।
पानी में अवशोषण का भौतिक गुण
आपको जानकर अच्छा लगेगा क्योंकि बहुत कम लोग यह जानते हैं कि पानी में अवशोषण का भौतिक गुण काफी शक्तिशाली होता है। मौजूद प्राकृतिक तरल पदार्थों में शायद पानी अकेला ऐसा तरल पदार्थ है जो वातावरण में मौजूद तापमान एवं हवा से सबसे तेजी से प्रभावित होता है और स्वयं को उसके अनुकूल बना लेता है। यानी यदि गर्मी का मौसम है तो किसी भी प्राकृतिक तरल पदार्थ की तुलना में पानी सबसे पहले गर्म हो जाएगा और यदि ठंड का मौसम है तो सबसे पहले ठंडा हो जाएगा।
टंकी में भरा हुआ पानी जब पाइप के जरिए यात्रा करता है तब उसके तापमान में कोई खास परिवर्तन नहीं होता क्योंकि पाइप पूरी तरह से बंद रहता है और जब वह पानी नल से बाहर निकलता है तो पानी का तापमान लगभग उतना ही होता है जितना की छत पर टंकी के अंदर होता है लेकिन बाथरूम का शावर पानी को छोटी-छोटी बूंदों में विभाजित कर देता है और वह पानी की बूंद हवा के संपर्क में आकर अपेक्षाकृत ठंडी हो जाती हैं।
यानी यदि आप गर्म पानी को जल्दी से ठंडा करना चाहते हैं तो बाथरूम शावर जैसी किसी चीज (रसोई की छलनी) का उपयोग कीजिए। अच्छे परिणाम मिलेंगे। लोग आपको जीनियस कहेंगे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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