ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगा है। पिछले दिनों उन्होंने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती के अवसर पर समारोह का आयोजन किया परंतु अपनी बुआ यानी राजमाता की बेटी यशोधरा राजे सिंधिया को आमंत्रित नहीं किया। करवा चौथ के अवसर पर अपनी मां राजमाता सिंधिया की जयंती मनाने के बाद यशोधरा राजे ने स्वयं इस बात का खुलासा किया। अन्य महत्वपूर्ण GWALIOR NEWS पढ़ने के लिए कृपया LINK क्लिक करें
सोमवार को वातानुकूलित छात्रावास और नवीन हाकी पवेलियन का भूमिपूजन के दौरान जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि राजमाता की जयंती अलग से निजी कार्यक्रम करके क्यों मनाई। जय विलास पैलेस की तरफ से आयोजित समारोह में शामिल क्यों नहीं हुई तब यशोधरा राजे ने स्पष्ट कहा कि यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया उन्हें बुलाते तो वे 12 अक्टूबर काे आयोजित कार्यक्रम में जरूर आती। यशोधरा राजे ने कहा कि वे अम्मा महाराज की जयंती पर लगातार कार्यक्रम आयोजित करती आ रही हूं। मेरा यह कार्यक्रम पारिवारिक था।
ग्वालियर में ऐसा पहली बार हुआ है कि राजामाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती दो बार मनाई गई है। कैलेंडर के अनुसार 12 अक्टूबर को उनकी जयंती थी तब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मनाई। 24 अक्टूबर को जयंती मनाने के पीछे यशोधरा राजे का कहना था कि उनका जन्म तिथि के मुताबिक करवा चौथ को हुआ था। इसलिए उन्होंने रविवार को उनकी जयंती मनाई है।
यहां उल्लेख करना आवश्यक है कि राजमाता विजयराजे सिंधिया की सभी संतानों में यशोधरा राजे सिंधिया सबसे लाडली थीं। भारतीय जनता पार्टी में यशोधरा राजे सिंधिया को राजमाता का उत्तराधिकारी के तौर पर स्वीकार किया गया था। यहां तक कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कैलासवासी पिता माधवराव सिंधिया भी अपनी छोटी बहन यशोधरा राजे सिंधिया के प्रति विशेष स्नेह रखते थे।