भारतवर्ष में हर त्यौहार महत्वपूर्ण होता है। कोई भी पर्व कब मनाया जाता है जब आसमान में ग्रहों की दशाएं विशेष होती हैं। इस बार करवा चौथ के अवसर पर आकाशगंगा में कुछ इस प्रकार के योग बन रहे हैं जो करवा चौथ का व्रत एवं उपवास करने वाली विवाहित महिलाओं और अविवाहित लड़कियों को सीधा प्रभावित करेगा।
करवा चौथ 2021 विवाहित महिलाओं के लिए क्या विशेष है
कैलेंडर के अनुसार 24 अक्टूबर 2021 दिन रविवार और पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत एवं उपवास किया जाएगा। भारतवर्ष में चंद्रमा का उदय रात्रि 8:00 बजे के आस पास होगा। भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार समय में थोड़ा अंतर हो सकता है। सौभाग्यवती महिलाएं अपने वंश की परंपराओं के अनुसार पूजा पाठ करेंगी परंतु एक खास बात है जो सभी प्रकार की महिलाओं को प्रभावित करेगी।
वरियान योग में क्या होता है
व्रत एवं चंद्रमा की पूजा के समय ब्रह्मांड में चंद्रमा वृषभ राशि में विराजमान होंगे एवं नक्षत्र रोहिणी होगा। इसी समय वरियान योग उपस्थित हो रहा है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण योग है। शास्त्रों में उल्लेख है कि ऐसे योग के समय जिस मनोकामना के लिए पूजा की जाती है, वह अवश्य ही फलीभूत हो जाती है।
करवा चौथ कुंवारी लड़कियों के लिए विशेष
भारत में पिछले कुछ सालों में कई अविवाहित लड़कियां करवा चौथ का व्रत एवं निर्जला उपवास रखती हैं। इनमें से कुछ चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और कुछ विवाहित महिलाओं के साथ पूजा पाठ में शामिल होती हैं। इन लड़कियों में ऐसी लड़कियां जिनका विवाह तय हो जाता है और वैवाहिक रस्मों में से कोई एक रस्म पूरी हो चुकी होती है, उनके लिए करवा चौथ का व्रत एवं उपवास मान्य किया गया है लेकिन कुंवारी लड़कियों के लिए करवा चौथ का व्रत सर्वदा वर्जित बताया गया है। किसी भी बहाने से निर्जला उपवास रखना एवं पूजा पाठ में शामिल होना, उस व्यक्ति के लिए हानिकारक होगा जिसके लिए व्रत एवं उपवास का संकल्प लिया गया।