भोपाल। कम्परेहेन्सिव डिस्ट्रिक्ट एग्रीकल्चलर प्लान (सी-डेप) के लिये किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालकों, नोडल अधिकारियों को मेप-आईटी द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमेप में कृषि और संबद्ध गतिविधियों के योजनाबद्ध विस्तार के लिये समग्र कृषि विकास प्लान में समाहित की जाने वाली जानकारियों के संबंध में विस्तार से अवगत कराया गया। सी-डेप से कृषि क्षेत्र में उपलब्ध विकास के अवसरों का लाभ किसानों को दिलाया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। इससे किसानों की आय में गुणात्मक वृद्धि होगी। कृषि विकास का यह प्लान ग्राम स्तर से लेकर राज्य स्तर तक विकसित किये जाने की तैयारी की जा रही है। प्रशिक्षण में प्रदेश के सभी जिलों के 84 अधिकारियों ने भाग लिया।
ग्राम स्तर पर कृषि विकास के लिये की गई समग्र प्लानिंग अनुसार जिला स्तर और राज्य स्तर पर भी प्लानिंग की गई है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत 5 वर्षों के लिये समग्र जिला कृषि विकास प्लान (सी-डेप) तैयार किया जा रहा है। उक्त प्लान में विभिन्न कृषि विषयक आधारभूत संरचनाएँ तथा अन्य योजनाएँ तैयार कर राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अनुसार कार्यान्वित की जायेंगी।
समग्र कृषि विकास प्लान में प्रदेश के सभी 56 हजार 806 गाँवों की जानकारी रहेगी। विभिन्न बिन्दुओं में सॉफ्टवेयर से एकत्रित और संकलित कर जानकारी का उपयोग कार्य-योजना तैयार करने में किया जायेगा। प्लान में गाँव की कृषि तथा संबद्ध पशुपालन, मत्स्य, उद्यानिकी, भूमि उपयोग, सिंचाई, उत्पादक क्षेत्रों की जानकारी का समुचित उपयोग किया जायेगा। इसमें ग्रामों में उपलब्ध अधोसंरचना, स्वच्छता, पेयजल, बिजली, उद्योग, शासकीय तथा अशासकीय परियोजनाओं, वन एवं आर्थिक आदि एक हजार से अधिक बिन्दुओं की जानकारी का भी उपयोग होगा। विकासखण्ड स्तर के पाँच सौ से अधिक बिन्दुओं पर विभिन्न क्षेत्रों एवं विभागों से जानकारी एकत्र कर कम्पेरहैन्सिव डिस्ट्रिक्ट एग्रीकल्चर प्लान तैयार किया जा रहा है।