भोपाल। The University Grants Commission (UGC) ने सभी प्रकार की यूनिवर्सिटी एवं कॉलेजों में रैगिंग को रोकने के लिए नियम बदल दिए गए हैं। अब प्रत्येक स्टूडेंट को एफिडेविट सबमिट करना होगा कि वह पूरे शिक्षण सत्र के दौरान रैगिंग नहीं करेगा। इतना ही नहीं उसके पेरेंट्स को भी ऑनलाइन अंडरटेकिंग देनी होगी।
गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी एवं कॉलेजों में रैगिंग की रोकथाम के लिए यूजीसी ने सभी शिक्षण संस्थाओं के लिए इसे अनिवार्य कर दिया है। छात्र-छात्राओं को अपना एफिडेविट ऑनलाइन जमा कराना होगा। इसके लिए एंटीरैगिंग वेबसाइट antiragging.in एवं amanmovement.org तैयार किए गए हैं। सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। किसी भी प्रकार की प्रिंट कॉपी जमा करने की जरूरत नहीं है।
अंडरटैकिंग देने के लिए इसकी लिंक एंटी रैगिंग वेबसाइट पर ही मिलेगी। इस पर क्लिक करने के बाद एक फॉर्म उपलब्ध होगा। जिसमें छात्र-छात्राओं को अपने संबंध में विभिन्न प्रकार की जानकारियां देनी होंगीं। इसमें मोबाइल नंबर, इमरजेंसी नंबर, ईमेल, घर का पता पैरेंट्सट की जानकारी, कोर्स और कॉलेज की जानकारी सहित अन्य जानकारियां देनी होंगीं। इसके अंत में एक और फॉर्म होगा, जिसमें यह वचन देना कि छात्र ने सभी जानकारियों को अच्छे से पढ़ लिया है और रैगिंग से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।
गौरतलब है कि सभी कॉलेजों में एंटी रैगिंग सेल है और इसमें संबंधित अधिकारियों के नंबर लिखे गए हैं। भोपाल में रैगिंग के सबसे ज्यादा मामले में मैनिट में सामने आते हैं।