जो लोग जानते हैं वह मानते हैं कि सूर्य सिर्फ गर्मी नहीं देता बल्कि मनुष्य के जीवन को कई स्तर पर प्रभावित करता है। इसी प्रकार नवग्रह जीवन में उतार-चढ़ाव के लिए कारक होते हैं। ग्रहों की शांति के लिए और दोष से मुक्ति के लिए शास्त्रों में कई उपाय सुझाए गए हैं। रसोईघर के मसालों से ग्रहों की शांति के उपाय का उल्लेख भी वास्तु शास्त्र में मिलता है।
शनि की शांति का सबसे सरल उपाय
लौंग और काली मिर्च को शनि प्रधान मसाला माना जाता है। सरसों के तेल में लौंग या काली मिर्च डालकर दीपक जलाने से शनि ग्रह के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है और इससे घर की नकारात्मक शक्तियां भी निष्प्रभावी हो जाती हैं।
बुध दोष की शांति और बृहस्पति को प्रसन्न करने का तरीका
वास्तुशास्त्र के अनुसार हींग का संबंध बुद्ध और बृहस्पति ग्रह से है। दोपहर के खाने में हींग का सेवन करने से मन शांत रहता है और बुद्ध दोष भी समाप्त हो जाता है।
राहु एवं केतु की शांति के लिए क्या करें
जीरे का संबंध वास्तुशास्त्र में राहु-केतु ग्रह से माना जाता है। जिस व्यक्ति पर राहु-केतु की बुरी दशा चल रही हो, उसे शनिवार के दिन जीरे का दान करना चाहिए। इससे राहु-केतु की दशा में सुधार होता है।
कुंडली में शुक्र अथवा मंगल कमजोर हो तो क्या करें
सौंफ को मिश्री के साथ मिलाकर खाने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है। जिनकी कुण्डली में मंगल कमजोर हो, उन्हें सौंफ को गुड़ मिलाकर खाना चाहिए।
बृहस्पति ग्रह के लाभ प्राप्त करने का तरीका
हल्दी का संबंध बृहस्पति ग्रह से है, अतः जिस व्यक्ति का गुरू कमजोर हो उसे अपनी जेब में हल्दी की गांठ या एक चुटकी हल्दी रूमाल में डालकर निकलना चाहिए।