लिटमस पेपर और हल्दी के बारे में तो अब आप जान ही चुके कि यह दोनों प्राकृतिक सूचक यानी नेचुरल इंडिकेटर (Natural Indicator) हैं परंतु इनके अलावा और भी प्राकृतिक पदार्थ जैसे - लाल पत्ता गोभी, हाइड्रेंजिया, पेटूनिया, जेरोनियम तथा कई फूलों की रंगीन पंखुड़ियां भी (जैसे - गुड़हल या चाइनारोज़) अम्ल-क्षार सूचक का काम करती हैं। परंतु क्या आप जानते हैं कि कुछ कृतिम या संश्लेषित सूचक (Synthetic Indicator) भी होते हैं जिन्हें Science Lab में उपयोग में लाया जाता है।
कृतिम या संश्लेषित सूचक जैसे- मेथिल ऑरेंज, फीनोफथलिन आदि भी है। यह सभी यह दोनों प्रकार के सूचक अपने रंग बदलकर अम्ल क्षार होने की सूचना देते हैं। परंतु क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे पदार्थ भी होते हैं जिनकी गंध (Smell) अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है, ऐसे पदार्थों को गंधीय सूचक (Olfactory Indicator) कहा जाता है। यह सूचक विशेष रूप से दृष्टिबाधित छात्रों के लिए अम्ल और क्षारों की पहचान करने में सहायक होते हैं। जैसे - प्याज, वैनीला, लोंग का तेल आदि।
प्याज को अम्ल में डालने पर उसकी गंध नहीं बदलती जबकि क्षार में प्याज़ की गंध बदल जाती है। इसी तरह वैनिला की क्षार गंध में नहीं बदलती जबकि अम्ल पर इसका कोई असर ही नहीं होता। क्या अब आप सोच सकते हैं कि जब अम्ल और क्षार को आपस में मिला दिया जाएगा तो क्या होगा!! 😇😇
प्याज को अम्ल में डालने पर उसकी गंध नहीं बदलती जबकि क्षार में प्याज़ की गंध बदल जाती है। इसी तरह वैनिला की क्षार गंध में नहीं बदलती जबकि अम्ल पर इसका कोई असर ही नहीं होता।