यदि आप बाजार में 125cc का दो पहिया वाहन लेने जाएंगे तो आपके सामने दो विकल्प होंगे। एक्टिवा या इसके समकक्ष दूसरे स्कूटर और बाइक। अपन सबको पता है कि बाइक में क्लच और गियर दोनों होते हैं सवाल यह है कि फिर एक्टिवा में गियर क्यों नहीं होते। क्या यही कारण है कि एक्टिवा का माइलेज कम होता है। आइए समझने की कोशिश करते हैं।
अपन सभी जानते हैं कि गियर का मतलब दांत वाला धातु का चक्का। फर्स्ट गियर यानी छोटा चक्का और टॉप गियर यानी सबसे बड़ा चक्का। फर्स्ट गियर यानी छोटा चक्का ज्यादा बल उत्पन्न करता है और टॉप गियर यानी बड़ा चक्का ज्यादा स्पीड देता है। बाइक में यह सिस्टम मैनुअल होता है। हम क्लच को दबाकर सिस्टम को फ्री करते हैं और गियर बदल लेते हैं। बाइक में मैन्युअल गियर सिस्टम इसलिए होता है क्योंकि उसे उबड़ खाबड़ रास्तों और अनुशासन हीन ट्रैफिक के लिए डिजाइन किया गया है।
एक्टिवा या उसके जैसे दूसरे स्कूटर में भी गियर होते हैं परंतु सारा सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक होता है। चलाने वाले के हाथ में सिर्फ थ्रॉटल (वाहन को गति देने वाला एक्सीलेटर) होता है। स्कूटर की स्पीड के हिसाब से गियर अपने आप चेंज होते रहते हैं। इस ऑटोमेटिक सिस्टम को CVT (कंटिन्यूअस वेरीअबल ट्रैन्स्मिशन) प्रणाली कहां जाता है।
स्कूटर में ऑटोमेटिक गियर सिस्टम इसलिए होता है क्योंकि उसे अच्छी सड़कों के लिए डिजाइन किया गया है जहां ट्रैफिक एक निर्धारित गति सीमा पर चलता है। स्कूटर की स्पीड को बाइक की तरह अचानक कम और अचानक ज्यादा नहीं किया जा सकता। यदि आप ऐसा करते हैं तो निश्चित रूप से आपके स्कूटर का माइलेज कम हो जाएगा। हालांकि माइलेज का रिश्ता पहियों से भी होता है। स्कूटर के पहिए छोटे होते हैं जबकि बाइक के पहिए बड़े होते हैं। (इसी प्रकार की मजेदार जानकारियों के लिए जनरल नॉलेज पर क्लिक करें) Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (general knowledge in hindi, gk questions, gk questions in hindi, gk in hindi, general knowledge questions with answers, gk questions for kids, ) :- यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com