जबलपुर। मध्य प्रदेश के रीवा शहर में पेट्रोल पंप का संचालन करने वाली विनीता सिंह को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली। उच्च न्यायालय ने उन्हें 30 दिन के भीतर 13 करोड़ रुपए बतौर किराया नगर निगम रीवा को अदा करने के आदेश दिए हैं। ऐसा नहीं करने पर नगर निगम को नियमानुसार कठोर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र कर दिया गया है।
न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता रीवा निवासी विनीता सिंह की ओर से अधिवक्ता प्रकाश उपाध्याय ने पक्ष रखा। जबकि अनावेदक पक्ष नगर निगम रीवा की ओर से अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी खड़े हुए। नगर निगम की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि जिस जमीन पर सालों से पेट्रोल पंप संचालित है, उसका मालिकाना हक नगर निगम, रीवा के पास है। ऐसा इसलिए क्योंकि नगर निगम ने जमीन के मूल मालिक राम स्वरूप वर्मा के वारिस सुदर्शन वर्मा को मुआवजा प्रदान कर दिया था।
इसके बावजूद जमीन के किराएदार पेट्रोल पंप संचालक याचिकाकर्ता द्वारा किराया नहीं चुकाया गया। पिछले 40 साल का लगभग 13 करोड़ किराया बकाया है। यह किराया चुकाने के स्थान पर किराएदार द्वारा मामले को तरह-तरह से उलझाने की कोशिश की जा रही है। यह याचिका भी इसी प्रयास की एक कड़ी मात्र है। हाई कोर्ट ने पूरा मामला समझने के बाद याचिका का निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.