इंदौर। वस्तु एवं सेवा कर (GST) की इंदौर स्थित एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की अपील पर सुनवाई करते हुए डेवलप प्लॉट पर 18% जीएसटी लगाने को गलत करार दिया है। इस फैसले का फायदा यह होगा कि यदि प्लांट 1000000 रुपए का है तो ₹180000 की बचत हो जाएगी।
मध्यप्रदेश में हाउसिंग बोर्ड, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर विकास प्राधिकरण जैसी सरकारी संस्थाएं डिवेलप प्लांट देती हैं। इनसे प्लॉट खरीदने पर जीएसटी नहीं लगेगा। इसके अलावा कई प्राइवेट प्रॉपर्टी डेवलपर इसी तरह के सुसज्जित प्लॉट बेचते हैं। उन पर भी जीएसटी का खर्चा नहीं आएगा। एक प्लॉट औसत 30 लाख रुपए का आता है, ऐसे प्लॉट पर ₹540000 का फायदा होगा।
भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने चार लोगों को 268 करोड़ रुपए के प्लॉट बेचे थे, जिन पर खरीदारों को 18% के हिसाब से 48 करोड़ रुपए जीएसटी लग रहा था। काॅर्पोरेशन ने चार्टर्ड अकाउंटेंट एस कृष्णन के माध्यम से इसके खिलाफ एडवांस रूलिंग अथॉरिटी के समक्ष आपत्ति दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए जॉइंट कमिश्नर मनोज चौधरी और वीरेंद्र जैन ने माना कि भोपाल स्मार्ट सिटी को डेवलप प्लॉट पर टैक्स देने की जरूरत ही नहीं है।
सरल शब्दों में समझें तो ऐसे किसी भी प्रोजेक्ट में जहां कंप्लीशन सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। साथ ही वहां पानी और सीवेज की सुविधाएं कॉमन हैं। प्लॉट खरीदने पर जीएसटी नहीं लगेगा। डेवलपर यदि अपने वादे से मुकर जाएं तो उसके खिलाफ रेरा में शिकायत की जा सकती है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.