जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एएसआइ राम सुंदर शर्मा के डिमोशन आर्डर को निरस्त कर दिया है। वायरलैस सेट गुम हो जाने पर उनका डिमोशन करके उन्हे हवलदार बना दिया गया था। न्यायमूर्ति संजय दि्वेदी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता छतरपुर निवासी राम सुंदर शर्मा की ओर से अधिवक्ता शिव शंकर त्रिपाठी ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता का वायरलैस सेट ड्यूटी के दौरान गुम हो गया था। इस मामले में विभागीय जांच शुरू की गई। प्राथमिक चरण में वेतनवृद्धि रोक दी गई। बाद में मामले के अन्य आरोपित पुलिस कर्मियों को राहत दे दी गई, लेकिन याचिकाकर्ता को पदावनत कर प्रधान आरक्षक बना दिया गया। एएसआइ से हवलदार बनाए जाने के इस अपमानजनक रवैये के खिलाफ याचिकाकर्ता हाई कोर्ट की शरण में चला आया।
पूर्व में उसे स्टे मिल गया था। इस वजह से वह एएसआइ के रूप में सेवा देता रहा लेकिन पदावनत करने की तलवार लटकी हुई है। लिहाजा, अनुचित आदेश निरस्त किए जाने पर बल दिया गया है। हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद पदावनत करने के आदेश को अनुचित पाते हुए याचिकाकर्ता के हक में राहतकारी आदेश पारित कर दिया।