भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और सबसे बड़े शहर इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली का विरोध शुरू हो गया है। राजस्व अधिकारी संघ और राजस्व अधिवक्ता संघ ने विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि कमिश्नर प्रणाली जनता के लिए हानिकारक है। संगठनों का कहना है कि बिना विचार विमर्श के एकपक्षीय निर्णय करना गलत है। इधर गृह विभाग में कानूनी पहलुओं पर अध्ययन करने के लिए अधिसूचना को विधि विभाग के पास भेज दिया है।
पुलिस पकड़ेगी और पुलिस ही जेल भेज देगी, मजिस्ट्रेट नहीं होगा
दोनों संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि पुलिस को न्यायिक अधिकार दिए जाने से नैसर्गिक न्याय की अवहेलना होगी। पुलिस के हाथों में आरोप तय करने और निर्णय करने का अधिकार आ जाएगा। इस निर्णय का प्रभाव सीधे आम जनता पर पड़ेगा। वारंट जारी करने के लेकर जेल भेजने तक सभी निर्णय पुलिस द्वारा कर लिए जाएंगे। न्याय प्रणाली में मजिस्ट्रेट की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।
निर्णय का सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ेगा
राजस्व अधिकारी संघ के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर और राजस्व अधिवक्ता संघ के प्रांताध्यक्ष धर्मेंद्र वाधवानी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि इस निर्णय का सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ेगा। जनहित से जुड़ा मामला होने की वजह से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने के संबंध में अंतिम निर्णय से पहले मंत्रिमंडलीय समूह, सचिव समूह, अधिवक्ता परिषद, नागरिक संगठनों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया जाना चाहिए।
प्रभाव दोनों शहरों के हर वर्ग पर पड़ेगा
उन्होंने कहा कि यह निर्णय ऐसा है, जिसका प्रभाव दोनों शहरों के हर वर्ग पर पड़ेगा। इतने महत्वपूर्ण विषय पर एक पक्षीय निर्णय लिया जाना न्याय संगत नहीं होगा, इसलिए निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए। पहले सभी वर्गों से चर्चा की जाए और आम राय के आधार ही कोई कदम उठाया जाए। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया BHOPAL NEWS पर क्लिक करें.