भोपाल। कोरोना और डेंगू के संक्रमण के बीच अब चिकनगुनिया और बच्चों में ब्रोंकाइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शहर के तमाम सरकारी और निजी अस्पतालों में रोजाना 200 से ज्यादा बच्चे तो सिर्फ ब्रोंकाइटिस का ही इलाज कराने पहुंच रहे हैं। हमीदिया में करीब 100 से ज्यादा बच्चे रोज इस तरह की परेशानी के साथ पहुंच रहे हैं जिनमें से 10 से 15 बच्चों को भर्ती करने की भी नौबत आ रही है। जबकि इनमें से 3-4 बच्चों की हालत काफी गंभीर होती है।
हमीदिया अस्पताल की एचओडी, पीडीआट्रिक डिपार्टमेंट, डॉक्टर ज्योत्सना श्रीवास्तव का कहना है कि बच्चों में ब्रोंकाइटिस बहुत अधिक मात्रा में सामने आ रहा है। यही वजह है कि अभी रोजाना 10 से 15 बच्चों को भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। जिनमें से कि 4 से 5 बच्चों की हालत गंभीर भी होती है। इनको रिकवरी में 5 या उससे अधिक दिन लग सकते हैं। ऐसे में काफी सावधानी रखने की जरूरत है।
ब्रोंकाइटिस क्या है
ब्रोंकाइटिस एक विषाणु (Virus) की वजह से फैलता है और कई बार इसका कारण कोई एलर्जी भी होता है। Influenza virus, mycoplasma pneumoniae आदि कई प्रकार के उत्पन्न होता है। अक्सर सामान्य सर्दी-जुकाम से बहुत ज्यादा देर तक बना रहता है तो उसके बाद ब्रोंकाइटिस की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिसके कारण श्वास नली में सूजन आ जाती है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
बच्चों में ब्रोंकाइटिस के चार मुख्य वजह ये हैं
1• मौसम में बदलाव के कारण दिन और रात के तापमान में काफी अंतर है। जिसके कारण जहां दिन में गर्मी का एहसास होता है तो वही रात में ठंड लगती है इस कारण सर्दी जुखाम हो जाता है।
2• दीपावली के चलते घरों में साफ-सफाई हो रही है जिसके की कारण धूल-मिट्टी के कण उड़ते रहते हैं। उनकी एलर्जी के कारण भी bronchitis की समस्या हो जाती है।
3• बारिश के बाद सड़कों पर आई मिट्टी, वाहनों के पहियों पर लगी धूल के कारण एलर्जी हो जाती है।
4• इस मौसम में भी आम, अमरूद जैसे कई प्रकार की फसलों के फूल आ रहे हैं और इन फूलों के परागकण (pollengrain) वातावरण में उड़ते रहते हैं। इन परागकण की एलर्जी के कारण भी ब्रोंकाइटिस की समस्या उत्पन्न हो जाती है। महत्वपूर्ण भोपाल समाचारों के लिए कृपया BHOPAL SAMACHAR लिंक पर क्लिक करें