भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमीदिया हॉस्पिटल कैंपस में स्थित कमला नेहरू अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड में कल रात लगी आग के मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इधर मीडिया ट्रायल में भर्ती बच्चों के परिजनों ने बताया कि नर्स और वार्ड बॉय के बीच लड़ाई हुई थी। इसके ठीक 5 मिनट बाद आग लग गई।
रात भर खुले आसमान के नीचे पड़े रहे परिजन
अस्पताल में आगजनी की घटना के बाद पुलिस ने परिजनों को अंदर जाने नहीं दिया। 4 परिवारों के बच्चों की मौत हो चुकी थी और 36 परिवारों के बच्चे अस्पताल में अंदर थे। सब अपने बच्चों से मिलना चाहते थे परंतु किसी को मिलने नहीं दिया गया। यहां तक की कलेक्टर और नगर निगम ने परिजनों के लिए अलाव तक नहीं जलाया। मंत्री विश्वास सारंग आए थे। फायर बिग्रेड वालों से बात की, अधिकारियों के साथ खड़े रहे, जनता से दो-चार सवाल पूछे और फिर पत्रकारों से बात करके चले गए।
मौत के बाद कहने लगे तुम्हारा बच्चा कमजोर था
भानपुर के आमीन खान ने बताया कि पत्नी तरन्नूम को 4 दिन पहले बेटा हुआ था। कल शाम तक बच्चा ठीक था। वह खाना लेने घर चले गए। जब लौटे तो वार्ड में आग लगी थी। घंटों तक डॉक्टर-कर्मचारी झूठ बोलते रहे कि उनका बेटा ठीक है, लेकिन रात ढाई बजे बच्चे की कमजोर होने की वजह से मौत होने की बात कहने लगे। बच्चा कमजोर नहीं था। आग लगने की वजह से उसकी मौत हुई है।
12 साल बाद बच्चा हुआ था 12 दिन भी जिंदा नहीं रहा
हमीदिया कैंपस के कमला नेहरू हॉस्पिटल में लगी आग ने इरफाना की भी गोद उजाड़ दी। शादी के 12 साल बाद 2 नवंबर को उन्होंने बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे को सांस लेने में दिक्कत थी, इसीलिए उसे यहां एडमिट कराया गया था। सोमवार रात 9 बजे आग लगने के बाद परिजन को अस्पताल के अंदर नहीं जाने दिया गया। बाहर खड़े होकर चीखते-चिल्लाते रहे। सुबह चार बजे अस्पताल का बाहरी गेट खुला। चार बच्चों के शव दिखाए। इनमें से एक बच्चा इरफाना का था। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया BHOPAL NEWS पर क्लिक करें.