जबलपुर। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सरकारी हमीदिया हॉस्पिटल कैंपस के अंदर चिल्ड्रन वार्ड में अग्नि कांड के बाद जब सरकार ने कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की तो मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में दोषियों को दंडित करने और सिस्टम को सुधारने के लिए कानून बनाने की मांग की गई है।
नागरिक उपभोक्ता मंच की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है। बताया गया है कि सन 2014 में सतना के सरकारी अस्पताल में इसी प्रकार का हादसा हुआ था परंतु पिछले 7 सालों में सरकार ने सरकारी अस्पताल की व्यवस्थाओं में कोई परिवर्तन नहीं किया। इसी सरकारी लापरवाही का नतीजा है कि भोपाल के हमीदिया कैंपस के कमला नेहरू अस्पताल के SNCU वार्ड में आगजनी हो गई और 14 बच्चों की मृत्यु हो गई।
मुद्दा मृत बच्चों की संख्या नहीं, सरकारी अस्पताल में सेफ्टी का है
अस्पताल प्रशासन पूरी ताकत लगा रहा है कि भले ही अस्पताल से 14 बच्चों की लाशें बाहर आई हों लेकिन मरने वाले बच्चों की संख्या 4 से ज्यादा ना बताई जाए। जनता के बीच मुद्दा 4 या 14 बच्चों की मृत्यु नहीं बल्कि सुरक्षा के प्रबंध है। लोग जान बचाने के लिए अस्पताल जाते हैं, अस्पतालों में जान का जोखिम हो जाए तो फिर कहां जाएंगे।
बीमार बच्चों और मरीजों को सुरक्षा और दवाइयां देना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। सरकार इससे मुकर नहीं सकती। किसी अधिकारी को पद से हटा देना ना तो किसी भी प्रकार का दंड है और ना ही कड़ी कार्रवाई। लोगों को उम्मीद थी कि सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी। जिम्मेदारों को दंडित किया जाएगा, लेकिन डिपार्टमेंटल इंकारी शुरू होने से पहले ही कलेक्टर ने प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में सब को क्लीन चिट दे दी। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया BHOPAL NEWS पर क्लिक करें.