भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ ने सीएम राइज स्कूलों पर व उसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों की परीक्षा लेने के निर्णय की औचित्यता पर सवाल उठाए है व निर्णय को न्यायोचित नही बताया है।
मप्र राज्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह भदौरिया व महामंत्री राजेन्द्र शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सी एम राइज स्कूल की मंशा ठीक है पर जो मुख्य मंत्री जी ने कहा था कि ये अलग से खोले जाएंगे, उसके विपरीत पुराने हायर सेकंडरी स्कूलों को ही सीएम राइज स्कूल बनाये जा रहे हैं तथा उनमें ही आसपास के प्राथमिक, माध्यमिक स्कूलों को जोड़ा जा रहा है व उन्हें कैम्पस 2 का नाम दिया जा रहा है। यह बात स्वयं मुख्यमंत्री जी की घोषणा के विपरीत है।
तीन वर्ष पूर्व पहले एक परिसर एक शाला के तहत भी तमाम स्कूल जोड़ दिए गए थे, इससे प्राथमिक व माध्यमिक हेड मास्टर, शिक्षकों के काफी पद समाप्त हो गए थे और अब बचे खुचे पद सीएम राइज स्कूल स्कीम से ख़त्म हो जायेगे व शिक्षकों की परीक्षा भी ली जा रही है फेल होने वाले शिक्षको को बाहर भेजा जावेगा।
ये निर्णय न्यायपूर्ण नही है व शिक्षा का केंद्रीयकारण करना है। RTE के विकेन्द्रीकरण के नियम के विपरीत भी है। मप्र राज्य कर्मचारी संघ का शासन प्रशासन से यह मांग करता है कि पुराने स्कूलों को सीएम राइज स्कूल न बनाकर, नए प्रकार से स्कूलों की संरचना की जाए। इस हेतु शासन ने पर्याप्त बज़ट भी रखा है, उसमे परीक्षा लेकर अलग से शिक्षक नियुक्त किये जायें तो उपयुक्त रहेगा व शिक्षको की गरिमा के अनुकूल भी होगा।
मध्य प्रदेश में कर्मचारियों से संबंधित प्रमुख खबरों के लिए कृपया MP karmchari Samachar पर क्लिक करें