दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 बताती है कि अगर कोई व्यक्ति भारत के बाहर अपराध करता है या कोई विदेशी व्यक्ति भारतीय जहाज या विमान में अपराध कर देता है, तब ऐसे व्यक्ति का मामला वही स्थानीय अधिकारिता वाला न्यायालय जहाँ आरोपी पाया गया हो, सुनवाई करेगा।
अब प्रश्न यह है कि भारत में स्थित वह न्यायालय भारत के बाहर हुए अपराधों के साक्ष्यों की कैसे लेगा। घटनास्थल पर मौजूद एवं घटना से संबंधित सभी प्रकार के गवाहों की गवाही कैसे दर्ज की जाएगी। क्या विदेशी नागरिकों को गवाही देने के लिए भारत लाया जाएगा या फिर कोर्ट गवाही दर्ज करने के लिए दूसरे देश में जाएगी। आइए पढ़ते हैं:-
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 189 की परिभाषा:-
जब कोई अपराध किसी व्यक्ति द्वारा भारत से बाहर हुआ है तब न्यायालय को विचारण के लिए साक्ष्यों आवश्यकता होगी तब केंद्रीय सरकार निदेश दे सकती है कि उस देश या क्षेत्र का न्यायिक मजिस्ट्रेट, या भारत का राजनयिक (राजदूत),या कौसलीय प्रतिनिधि साक्ष्य के रूप में वहाँ पर अभिकथन, अभिसाक्ष्य ले सकता है ले सकता है एवं यह बयान या साक्ष्य न्यायालय की जांच एवं विचारण में उचित साक्ष्य होंगे। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com