दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 190 किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार देती है कि वह किसी भी आपराधिक मामले की शिकायत स्वयं उपस्थित होकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से कर सकते हैं, परिवादी की शिकायत पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संज्ञान लेगा। ऐसे ही किसी विशेष वर्ग पर हो रहे अत्याचार की सुनवाई के लिए राज्य सरकार के अनुरोध पर एक विशेष न्यायालय का गठन होता है। यह भी विशेष व्यक्ति पर हो रहे अत्याचार का संज्ञान लेता है एवं सत्र न्यायालय सभी गंभीर आपराधिक मामलों का विचारण एवं जांच करता है। सवाल है यह कि कोई शिकायतकर्ता या आम व्यक्ति डायरेक्ट सत्र न्यायालय या विशेष न्यायालय में परिवाद दायर कर सकता है या नहीं जानते हैं इसका जवाब।
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 193 की परिभाषा:-
कोई भी सत्र न्यायालय किसी भी आपराधिक मामले का संज्ञान तब तक नहीं लेगा जब तक कि किसी मजिस्ट्रेट द्वारा उसे कोई मामला सौंपा नहीं गया हो। अर्थात कोई भी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या ऐसा कोई मजिस्ट्रेट जिसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्राप्त है उनके द्वारा सौंपे गए मामलों का संज्ञान कोई भी सत्र न्यायालय लेगा।
विशेष न्यायालय द्वारा संज्ञान (महत्वपूर्ण जजमेंट) ए.एम. कुट्टप्पन बनाम ई. कृष्ण नयनार:-
उक्त मामले में सत्र न्यायालय को विशेष न्यायालय के रूप में विनिर्दिष्ट किया गया था,विशेष न्यायधीश ने अपने समक्ष फाइल की गई शिकायत पर विचार किया जिससे अनुसूचित जाति एवं जनजाति एक्ट, 1989 के अधीन अपराध का आरोप था एवं इस मामले को सक्षम मजिस्ट्रेट द्वारा उसे विचारण हेतु सौपा बिना ही मामले का संज्ञान लेते हुए आदेशिका जारी कर दी। न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया कि विशेष न्यायालय सीधे किसी शिकायत पर विचार नहीं करेगा एवं विशेष न्यायधीश को मजिस्ट्रेट द्वारा मामला सुपुर्द किये बिना सीधे शिकायत पर विचार करने की अधिकारिता नहीं है।
अधिनियम के अधीन विशेष न्यायालय आवश्यक रूप से सत्र न्यायालय हैं और यह तभी मामले का संज्ञान करेगा जब संहिता के नियमो के अधीन मामला उसे न्याहिक मजिस्ट्रेट द्वारा सौपा गया हो। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com