कई बार गवाह को प्रलोभन देकर अथवा किसी प्रकार का भय दिखाकर और धमकी देकर उसे झूठी गवाही देने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। गवाही के बाद दबाव मुक्त हो जाने पर वह व्यक्ति धमकी देने वाले के खिलाफ कार्यवाही करना चाहता है, तब उसे कहां शिकायत करनी चाहिए। किस स्तर के कोर्ट में वह परिवाद दायर कर सकता है। आइए जानते हैं:-
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 195 (क) की परिभाषा
कोई भी साक्षी या अन्य व्यक्ति जिसने भारतीय दंड संहिता की धारा 195 (क) के अंतर्गत बयान दिया था, वह व्यक्ति उसी न्यायालय में जहाँ आरोप का विचारण किया जा रहा है, उस व्यक्ति के खिलाफ जिसने झूठा साक्ष्य देने के लिए मजबूर किया था उसकी शिकायत कर सकता है।
नोट:- बिना साक्षी या अन्य व्यक्ति जिसने धमकी, प्रलोभन, आदि में साक्ष्य दिए गए उसकी शिकायत के बाद ही न्यायालय द्वारा मामले का संज्ञान लिया जाएगा। - लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com