इंदौर। इंक्रीमेंट की मांग कर रहे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के हड़ताली कर्मचारियों को मैनेजमेंट ने वेतन काटने की धमकी दी थी लेकिन यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के संगठन ने कर्मचारियों की हड़ताल को समर्थन दे दिया है। धमकी के बाद हड़ताल कमजोर होने के बजाय और मजबूत हो गई।
शिक्षक संघ ने कहा- मैनेजमेंट हमारी भी नहीं सुनता
तीसरे दिन हड़ताल के समर्थन में देवी अहिल्या शिक्षक संघ (देवता) भी उतर आया है। उन्होंने भी विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई है, क्योंकि शिक्षकों से जुड़े मामलों में भी अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। उधर वरिष्ठ अधिकारियों ने वेतन बढ़ाने को लेकर दस्तावेज मांगे है, मगर कर्मचारी अभी राजी नहीं है।
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी का काम ठप पड़ा हुआ है
10 से 14 नवंबर तक कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार कर रखा था। सोमवार से स्ववित्त संस्थान कर्मचारी संघ ने हड़ताल कर दी और तक्षशिला परिसर में धरने पर बैठ गए। तृतीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल है। गुरुवार को विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्मचारियों की मांग पूरी करने का आश्वासन दिया था। मगर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ।
शिक्षक संघ (देवता) के अध्यक्ष डा. लक्ष्मण शिंदे धरना स्थल पर पहुंचे । संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारों के लिए कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। इसका मतलब विवि में परिस्थिति सामान्य नहीं है। हड़ताल खत्म करवाने के लिए विवि ने धरना दे रहे कर्मचारियों का तबादला कर दिया, जो बिलकुल गलत है। आल इंडिया यूनिवर्सिटी फेडरेशन के सदस्य महेंद्र राठौड़ ने भी समर्थन दिया।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष महेश श्रीवास भी आए। संघ के अध्यक्ष दीपक सोलंकी, महासचिव गजेन्द्र परमार, उपाध्यक्ष योगेश शुक्ला, सुरेंद्र मिश्रा, मुकेश गुप्ता, सचिव सोहेल परवे, प्रमोद दुबे, राकेश निगम तथा कोषाध्यक्ष मनीष जायसवाल, मनीष कुमार शर्मा, संतोष मौर्य, अब्दुल रज्जाक, विनय यादव हड़ताल कर रहे हैं। पदाधिकारियों के मुताबिक अवकाश होने के बावजूद शुक्रवार को भी हड़ताल जारी रहेंगी। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों से संबंधित समाचारों के लिए कृपया Karmchari news MP पर क्लिक करें।