भारतवर्ष के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली इस बार नेता, कर्मचारी, प्रोफेशनल इंजीनियर और शिक्षकों के लिए काफी विशेष है, क्योंकि दीपावली के दिन इस साल महालक्ष्मी पूजन शश योग में होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह योग शनि ग्रह की विशेष स्थिति के कारण बनता है। इस योग में पूजा करने से किसी भी क्षेत्र में सफलता की मनोकामना पूर्ण होती है।
शश योग में पूजा करने से क्या फल प्राप्त होता है
शास्त्रों के अनुसार जो लोग दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित हैं। इस योग में पूजा करने से उनकी स्वास्थ्य संबंधी मनोकामना पूरी होगी एवं उनकी आयु में वृद्धि होगी। इस योग के बिना कोई भी कार्यकर्ता राजनीति में प्रमुख पदों को प्राप्त नहीं कर पाता। अतः इस योग में महालक्ष्मी का पूजन करने से सत्ता की प्राप्ति होने की संभावना है।
शश योग में पूजन किन लोगों को अनिवार्य बताया गया है
इस योग में यदि विधि पूर्वक पूजा की जाती है तो सरकारी नौकरी में प्रमोशन प्राप्त होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इंजीनियर, जज, वकीलों, राजनीति के कार्यकर्ता, शराब के कारोबार से जुड़े हुए लोग, कथाकार, प्रेरक वक्ता, प्रवचनकार, विभिन्न प्रकार के शिक्षक एवं कोच एवं योगाचार्य अथवा आध्यात्मिक गुरुओं के लिए इस योग में विधि पूर्वक पूजा पाठ करना अत्यंत फलदाई माना गया है।
मकर राशि के शनि केंद्र में होने से बन रहा शश योग
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पंच महापुरुष योग का उल्लेख मिलता है। उन्हीं योगों में एक शश नाम का योग भी है। यह योग शनि के स्वराशि में केंद्रगत होने से बनता है। इस बार शनि स्वयं की राशि मकर में रहेंगे। यह स्थिति जनमानस के लिए अनुकूल बताई गई है। इसके माध्यम से व्यापार व्यवसाय में प्रगति का नया सूत्रपात होगा।
दीपावली 2021 पूजा का सबसे अच्छा मुहूर्त
दीपावली पर पूजन की मान्यता मुहूर्त विशेष पर निर्भर करती है। यदि श्रेष्ठ मुहूर्त में पूजन किया जाए, तो श्रेष्ठ फल मिलता है। धर्मशास्त्र के अनुसार लक्ष्मी पूजन का श्रेष्ठ समय प्रदोषकाल है। इसी समय वृषभ लग्न की साक्षी भी रहती है। इस बार प्रदोष काल शाम 6.20 से रात्रि 8.20 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में पंचोपचार व षोडशोपचार पूजन करना चाहिए।