जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सिंगरौली कलेक्टर श्री राजीव रंजन मीना आईएएस के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है जिसमें उन्होंने कृष्ण कुमार द्विवेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने कहा कि कलेक्टर खुद ही जांचकर्ता और दंडाधिकारी नहीं हो सकता। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने सिंगरौली कलेक्टर को नोटिस जारी करके जवाब, तलब किया है। जवाब पेश करने के लिए 5 जनवरी 2022 की तारीख निर्धारित की गई है।
मैं तो कलेक्टर के पास न्याय मांगने गया था: याचिकाकर्ता
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकर्ता सिंगरौली निवासी कृष्ण कुमार दि्वेदी की ओर से अधिवक्ता आदित्य जैन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि पूर्व में याचिकाकर्ता का नाम खसरे में दर्शित था, लेकिन बाद में अचानक उसके स्थान पर खसरे में शासन दर्शित होने लगा। इस तरह निजी भूमि, शासकीय दर्शित होने लगी। इस गड़बड़ी को दूर कराने याचिकाकर्ता ने खसरा सुधार का आवेदन किया।
कलेक्टर ने खुद जांच की और बिना सुनवाई के निष्कर्ष पर पहुंच गए
याचिकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि कलेक्टर ने खसरे में सुधार करने के स्थान पर खुद ही जांच अधिकारी बनकर बिना याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर दिए जांच पूरी कर ली और फिर खुद ही दंडाधिकारी बनकर तहसीलदार को याचिकाकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए।
कलेक्टर से पुनर्विचार का निवेदन भी किया था
कलेक्टर अपने स्तर पर ही इस निष्कर्ष पर पहुंच गए कि खसरे में उलट फेर हुआ है। जब कलेक्टर द्वारा अपने आदेश पर नए सिरे से विचार से इन्कार कर दिया गया तो याचिकाकर्ता हाई कोर्ट चला आया। हाई कोर्ट ने अधिवक्ता आदित्य जैन के तर्कों से प्रथमदृष्ट्या सहमत होते हुए अंतरिम राहत प्रदान कर दी। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.