बैंक चेक को हिंदी में धनादेश कहते हैं। यानी खाताधारक अपने बैंक को आदेश देता है कि वह उल्लिखित रकम का चेक के धारक उसके बैंक खाते में अथवा नगद भुगतान करे। सवाल यह है कि यदि बैंक चेक पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो उसकी मृत्यु के पश्चात बैंक द्वारा चेक का भुगतान किया जाएगा या नहीं।
भारतीय स्टेट बैंक से सन 2011 में रिटायर हुए श्री मधुकर पारे बताते हैं कि बैंक और खाताधारक का संबंध तभी तक होता है जब तक कि खाताधारक जीवित है। जैसे ही बैंक को खाता धारक की मृत्यु की सूचना प्राप्त होती है, उसके खाते से सभी प्रकार के भुगतान स्थगित कर दिए जाते हैं। ऐसी स्थिति में बैंक मृत व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर किए गए चेक का भुगतान नहीं करेगा, लेकिन यदि बैंक के पास व्यक्ति की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने से पहले कोई चेक भुगतान के लिए प्रस्तुत होता है तो बैंक भुगतान कर देगा और ऐसी स्थिति में उत्तराधिकारी के प्रति बैंक जिम्मेदार नहीं होगा।
अब सवाल उठता है कि यदि बैंक भुगतान नहीं करेगा तो फिर पेमेंट कौन करेगा। क्या किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के साथ ही उसकी सभी देनदारी समाप्त हो जाती हैं। एडवोकेट शैलेंद्र चौधरी का कहना है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। मृत व्यक्ति का उत्तराधिकारी उसकी देनदारी के लिए जिम्मेदार होता है। यदि मृत व्यक्ति ने अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया है और उसके किसी भी रिश्तेदार ने उत्तराधिकार के अधिकार का उपयोग नहीं किया है तब ऐसी स्थिति में मृत व्यक्ति की देनदारी उसके जीवन के साथ ही समाप्त हो जाएगी। (इसी प्रकार की मजेदार जानकारियों के लिए जनरल नॉलेज पर क्लिक करें) Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (general knowledge in hindi, gk questions, gk questions in hindi, gk in hindi, general knowledge questions with answers, gk questions for kids, ) :- यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com