जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसके अंतर्गत एक शिक्षक को ट्रांसफर आर्डर जारी होने के 2 साल बाद रिलीव किया गया था। हाईकोर्ट ने 2 साल पहले जारी हुए ट्रांसफर ऑर्डर को भी निरस्त कर दिया है।
श्री गणेश काकड़े, प्राथमिक शिक्षक का प्रशासनिक ट्रांसफर दिनाँक 9 दिसंबर 2019 को मराठी प्राथमिक शाला श्रमिक बस्ती, लाल बाग, जिला बुराहनपुर से UEGS बिल्लोरी धाना किया गया था परंतु, श्री काकड़े को ट्रांसफर के बाद कार्यमुक्ति नही दी गई थी। अचानक दिनाँक 27 सितंबर 2021 को उन्हें ट्रांसफर आदेश दिनाँक 9 दिसंबर 19 के पालन में 2 वर्ष बाद बिल्लोरी धाना के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया था।
श्री काकड़े द्वारा ट्रांसफर आदेश 09/12/19 एवम कार्यमुक्ति आदेश 27/09/2021 को उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता शिक्षक श्री गणेश काकड़े की ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर में पैरवी करने वाले अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया है कि कोर्ट का ध्यान बहस के दौरान, इस ओर आकर्षित किया था कि चूंकि श्री काकड़े का प्रशासनिक ट्रांसफर दो वर्ष पूर्व किया गया था। वर्तमान में उस आदेश की वैधता समाप्त हो चुकी है एवं उसके पालन हेतु किसी प्रकार की प्रशासनिक आवश्यकता शेष नही रह गई है। कार्यमुक्ति आदेश दिनांक 27/09/2021 मस्तिष्क के बिना प्रयोग के किया गया है जो कि विधि विरुद्ध है।
हाई कोर्ट जबलपुर ने ट्रांसफर आदेश दिनाँक 09/12/2019 एवं रिलीविंग आदेश दिनाँक 27/09/2021 को निरस्त कर दिया है। अतः श्री गणेश काकड़े, प्राथमिक शिक्षक, मराठी प्राथमिक शाला, श्रमिक बस्ती लाल बाग में कार्यरत रहेंगे। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों से संबंधित समाचारों के लिए कृपया Karmchari news MP पर क्लिक करें।