ग्वालियर। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पावर में होने और कोरोनावायरस संबंधी प्रतिबंध हट जाने के बाद व्यापारी ऐतिहासिक ग्वालियर मेले के आयोजन की उम्मीद कर रहे हैं और प्रशासनिक स्तर पर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। व्यवस्थाओं को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कलेक्टर को चिट्ठी लिखी थी लेकिन इस चिट्ठी को आगे ही नहीं बढ़ाया गया। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर व्यापार मेला पूरे मध्यप्रदेश में कारोबार को प्रभावित करता है। केवल व्यापारी ही नहीं सरकार को भी मोटा मुनाफा होता है।
ग्वालियर मेला प्राधिकरण तक ज्योतिरादित्य सिंधिया का पत्र पहुंचा ही नहीं
ग्वालियर मेला प्राधिकरण के सचिव निरंजनलाल श्रीवास्तव का कहना है कि टूटी छत्रियों, दुकानों व गंदगी के संबंध में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने हमें नहीं, कलेक्टर को पत्र लिखा था। इस संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं भेजी गई है। एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा आने वाले हैं। उनके आने के बाद ही मेले के संबंध में कुछ होगा।
केंद्रीय नागरिक उड्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पांच अक्टूबर को ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को पत्र प्रेषित किया गया था। इसमें ग्वालियर व्यापार मेला मैदान को मेले को दुरुस्त करने का जिक्र किया था। पत्र में कोरोनाकाल में तत्कालिक तौर पर बनी सब्जी मंडी के कारण छतिग्रस्त हुईं संरचनाओं की मरम्मत कराने की बात सिंधिया ने लिखी थी, मगर इस पत्र को लिखे डेढ़ महीने (50 दिन) से अधिक हो गया है, इसके बाद भी प्रशासन हरकत में नहीं आया। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.