ग्वालियर। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सरकारी अस्पताल में अग्नि कांड हुआ और ग्वालियर के सीएमएचओ ने प्राइवेट अस्पतालों की फायर सेफ्टी ऑडिट के लिए अभियान शुरू कर दिया। कितना अच्छा होता सबसे पहले सरकारी अस्पताल ठीक किए जाते हैं। जहां सबसे ज्यादा मरीज होते हैं।
ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने मिलकर फटाफट टीमों का गठन कर दिया है। हर विधानसभा क्षेत्र के लिए एक टीम तैयार की गई है जो अस्पतालों की जांच करेगी। कहा जा रहा है कि भोपाल और अहमदाबाद में अस्पतालों में आग लगने की घटना के बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट करने के निर्देश दिए।
सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त कब करेंगे
मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पताल में हादसा हुआ है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट की लापरवाही सामने आ चुकी है। कमला नेहरू अस्पताल में आग को बुझाने के लिए कोई साधन नहीं थे। यहां तक की धुआं बाहर निकालने के लिए एग्जॉस्ट फैन तक नहीं थे। खिड़कियों के कांच तोड़े गए।
जरूरत है कि ग्वालियर के सरकारी अस्पतालों को ठीक किया जाए। सरकारी अस्पतालों में सबसे ज्यादा भीड़ होती है। सरकारी अस्पतालों में जवाबदेही की कमी हमेशा देखने को मिलती है। जो डॉक्टर अपने सम्मान के लिए फूल बाग तक जाकर मारपीट करते हैं वो डॉक्टर अस्पताल की व्यवस्थाएं ठीक करने के लिए कभी कोई हड़ताल नहीं करते। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.