ग्वालियर। अफसर हमेशा मौके की तलाश में रहते हैं। भोपाल के सरकारी अस्पताल में आग लगी और ग्वालियर का नगर निगम शहर भर की फायर ऑडिट करने निकल पड़ा। चौंकाने वाली बात यह है कि नगर निगम के अपने ऑफिस में कोई फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं था। सवाल यह है कि क्या कमिश्नर अपना ऑफिस सील करेंगे।
नगर निगम पर 423 स्क्वायर किलोमीटर में बसे हुए ग्वालियर शहर को आग से बचाने की जिम्मेदारी है। फायर बिग्रेड उसी के पास होती है। कितनी अजीब बात है कि सिटी सेंटर स्थित नगर निगम के हेड क्वार्टर में फायर फाइटिंग इंस्टालेशन सिस्टम तो दूर की बात अग्निशमन यंत्र तक नहीं हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यहां के अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है वह तो प्राइवेट नर्सिंग होम और कोचिंग सेंटर का फायर ऑडिट करना चाहते हैं।
आग लगी, फिर भी फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं लगाया
नगर निगम के ऑफिस में पूर्व में तलघर में दो बार आग लगने की घटना हो चुकी है। दोनों बार फायर विकेट को बुलाया गया। इसके बावजूद नगर निगम ऑफिस में फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं लगाया गया। सिर्फ नगर निगम ही नहीं ग्वालियर के ज्यादातर सरकारी ऑफिसों के लिए ही हाल है।
कलेक्टर ऑफिस में एक्सपायर हो चुके अग्निशमन यंत्र लगे हुए हैं। यानी सब दिखाने के लिए लगाएं।
बाल भवन में 2016 में अग्निशमन यंत्र लगाया गया था। आज तक वही दिखाई दे रहा है।