ग्वालियर। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने ठेले वालों को स्वरोजगार संचालित करने के लिए पीएम किसान निधि योजना के तहत लोन दिलाने हेतु बैंक कर्ज की बैठक में पुलिस बुला ली। निर्देशित किया कि बैंक अधिकारियों को तत्काल गिरफ्तार कर दिया जाए। कलेक्टर के तेवर देखकर बैंक अधिकारियों की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई। शुक्रवार को छुट्टी के दिन पीएम निधि की पेंडेंसी खत्म करने का काम किया जा रहा है।
दरअसल ग्वालियर में पीएम निधि योजना के तहत स्वीकृत किए गए लोन प्रकरणों को विभिन्न बैंक अधिकारियों द्वारा पेंडिंग कर दिया गया है। कलेक्टर ने योजना की समीक्षा के लिए बैठक का आयोजन किया जिसमें सभी संबंधित बैंक अधिकारियों को बुलाया गया। जब कलेक्टर ने देखा कि बैंक अधिकारी योजना के तहत लोन देने के लिए तैयार नहीं है तो उन्होंने तत्काल पुलिस को कॉल कर दिया। बैठक के दौरान ही पुलिस अधिकारी मीटिंग हॉल में पहुंच गए।
कलेक्टर ने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन बैंकर्स को पकड़कर जेल भेज दो, यहीं से गिरफ्तार कर लिया जाए। इसके बाद कलेक्टर बैठक से उठकर चले गए। इसके साथ ही बैठक में मौजूद बैंक अधिकारियों की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई। उन्होंने तत्काल पेंडिंग केस निपटाने का काम शुरू कर दिया। बताना जरूरी है कि ग्वालियर में पीएम स्वर निधि योजना के तहत 10,000 से ज्यादा मामले बैंकों में पेंडिंग है।
ज्ञात रहे कि लंबे समय के लाकडाउन के बाद रेहड़ी-पटरी वालों को अपना काम नए सिरे से शुरू करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि नाम से एक योजना शुरू की हुई है। इसे प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना भी कहते हैं। इस योजना के तहत सड़क किनारे छोटा-मोटा काम-धंधा करने वाले लोगों को 10,000 रुपये का लोन आसान शर्तों पर मुहैया कराया जाता है। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.