ग्वालियर। हुरावली स्थित मूलशंकर आर्य समाज वैदिक संस्था के माध्यम से शादी करके लौटे युवक को उसी की पत्नी के बलात्कार के मामले में आरोपी बनाकर FIR दर्ज कर ली गई। हाईकोर्ट ने भी अग्रिम जमानत नहीं दी। हाईकोर्ट ने कहा कि जिस संस्था के माध्यम से विवाह हुआ है वह विवाह संस्कार कराने के लिए वैध संस्था नहीं है। इसलिए विवाह को भी वैध नहीं माना जा सकता।
मामला ग्वालियर के थाटीपुर थाने का है। गिरफ्तार किए गए युवक का नाम योगेश गहलोत बताया गया है। 22 जून 2021 को लड़की घर से लापता हो गई थी। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। 2 जुलाई 2021 को लड़की वापस आ गई। परिजनों ने दावा किया कि लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम है। इसके आधार पर पुलिस ने लड़की के साथ लव मैरिज करने वाले योगेश गहलोत के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया।
योगेश गहलोत ने अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। योगेश की तरफ से उनके वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि दोनों ने विवाह कर लिया है। यह विवाह हुरावली स्थित मूलशंकर आर्य समाज वैदिक संस्था से विवाह किया है। यह भी बताया कि लड़की की उम्र 25 वर्ष है। पुलिस डिपार्टमेंट की ओर से शासकीय अधिवक्ता सीपी सिंह ने दावा किया कि लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम है। इसलिए दुष्कर्म का मामला है जिस में जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।
हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि मूलशंकर आर्य समाज वैदिक संस्था के माध्यम से विवाह कराया गया है जबकि इस संस्था पर विवाह कराने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। इसलिए इस संस्था के माध्यम से हुआ विवाह भी वैध नहीं माना जा सकता। इसी के आधार पर हाई कोर्ट ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.