नई दिल्ली। भारत सरकार ने फर्स्ट फेस में एक करोड़ बच्चों को कोरोनावायरस का टीका लगाने के लिए परचेज ऑर्डर जारी कर दिया है। अहमदाबाद की कंपनी जाइडस कैडिला को वैक्सीन सप्लाई का आदेश दिया गया है। बच्चों की वैक्सीन की तीन खुराक निर्धारित की गई है।
भारत में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए कोरोना का टीका
केंद्र सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में विकसित दुनिया के पहले DNA-आधारित कोविड-19 टीके को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने के लिए शुरुआती कदमों को हरी झंडी दिखा दी है। शुरुआत में इसे वयस्कों को लगाने में प्राथमिकता दी जाएगी। जाइकोव-डी पहला ऐसा टीका है जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए मंजूरी दी है। इस टीके का इस्तेमाल बिना सुई की मदद से फार्माजेट तकनीक से किया जाएगा।
जाइकोव-डी टीका- बच्चों को इंजेक्शन नहीं लगेगा
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि केंद्र जाइडस कैडिला को जाइकोव-डी टीके की एक करोड़ खुराक के लिए ऑर्डर दे चुका है, जिसकी कीमत टैक्स को छोड़कर करीब 358 रुपए है। इस कीमत में 93 रुपए की लागत वाले 'जेट एप्लीकेटर' का खर्च भी शामिल है। इसकी मदद से ही टीके की खुराक दी जाएगी। सूत्र ने बताया, 'सीमित उत्पादन क्षमता की वजह से शुरू में सिर्फ वयस्कों को ही यह टीका दिये जाने की संभावना है।'
हर महीने एक करोड़ खुराक उपलब्ध कराएगी कंपनी
कंपनी के अधिकारियों ने मंत्रालय को बताया कि जाइडस कैडिला प्रति माह जाइकोव-डी की एक करोड़ खुराक मुहैया कराने की स्थिति में है। इसके तीन खुराकों को 28 दिनों के अंतराल पर दिया जाना है। देश में विकसित यह दुनिया का पहला ऐसा टीका है जो डीएनए-आधारित और बिना सुई वाली है। जाइकोव-डी को 20 अगस्त को दवा नियामक से आपातकालीन इस्तेमाल के लिये मंजूरी मिली थी। भारत की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया Hindi Samachar पर क्लिक करें