दीपावली पूजन की महत्वपूर्ण बातें - Important notes for Diwali Pujan

दीपावली के अवसर पर महालक्ष्मी पूजा तो सभी करते हैं परंतु यदि विधि विधान के साथ शुभ मुहूर्त में पूजा की जाए तो पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है। ज्यादातर लोग शुभ मुहूर्त का ध्यान रखते हैं परंतु दीपावली के पूजन विधान में कुछ महत्वपूर्ण बातों को भूल जाते हैं। यह महालक्ष्मी का पर्व है। किसी भी प्रकार का अनिष्ट नहीं होता लेकिन यदि कुछ बातों को ध्यान रखेंगे तो आने वाले वर्ष भर सुख, समृद्धि और आरोग्य प्राप्त होगा।

दीपावली या दीवाली ऐश्वर्य और धन की देवी लक्ष्मी का पर्व है। 
विधि-विधान से महालक्ष्मी का पूजन सुख-समृद्धि और धन-संपत्ति देने वाला होता है। 
पहले चौक बनाकर उस पर चौकी रखें। 
फिर उसके ऊपर गुलाबी रंग के कपड़े पर अष्टचक्र बनाएं। 
इस पर लक्ष्मी की फोटो या प्रतिमा (घर में बैठी लक्ष्मी और व्यापारी खड़ी लक्ष्मी) स्थापित करें। 
इसके बाद कलश की स्थापना करें। 

उसमें जल भरकर सुपारी, चावल, हल्दी की गांठ, सिक्का, आम के पत्ते रखें और ऊपर से एक नारियल रख दें। 
षोडशोपचार पूजन के बाद दीप प्रज्ज्वलित करें।
मां लक्ष्मी को दोनों हाथ फैलाकर प्रणाम करें। लक्ष्मी जी को कभी भी हाथ जोड़कर प्रणाम नहीं करना चाहिए, क्योंकि हाथ जोड़ने का मतलब होता है लक्ष्मी जी को विदा करना। 
लक्ष्मी जी को हाथ फैलाकर प्रणाम करना चाहिए। 
पूजा सामग्री में काले रंग की वस्तुओं का का उपयोग नहीं होना चाहिए। 
पूजा के समय काले रंग के वस्त्र ना पहनें। 

पूजा के बर्तनों में स्टील का उपयोग ना करें। चांदी, ताबें या कांसे के बर्तनों का उपयोग करें। 
सोने चांदी के सिक्के, आभूषण एवं अन्य को लक्ष्मी चौकी के पास दूसरी चौकी पर स्थापित करें। 
लक्ष्मी चौकी पर सिर्फ एक बड़ा दीपक जलाएं। 
108 छोटे दीपकों के लिए निकट ही अलग स्थान दें। 
भाग में चॉकलेट या समकक्ष मिष्ठान का उपयोग ना करें। 
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