इंदौर। दीपावली के त्यौहार के बीच इंदौर शहर में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। एक तरफ हर रोज पॉजिटिव नागरिकों की संख्या बढ़ती जा रही है दूसरी तरफ शनिवार को कोविड-19 से संक्रमित पाए गए 8 लोगों में से 3 लापता है। सरकारी रिकॉर्ड में उनके जो नाम पते लिखें हैं, सब गलत है। उनके मोबाइल नंबर भी बंद आ रहे हैं। यदि वह शहर में है तो हर समय कई लोगों को संक्रमित कर रहे हैं।
इंदौर में अक्टूबर महीने के आखिरी 10 दिनों में 44 नए मरीज मिले हैं। लापता 3 संक्रमित नागरिकों में थे दो ने हीरा नगर और एक ने पालदा का पता लिखवाया है। इनके पतों पर दिनभर टीम क्षेत्र में इन्हें तलाशती रही, लेकिन ये नहीं मिले। आखिरकार टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। दूसरा यह कि इन्हें अब तक कोविड केयर सेंटर में एडमिट किया जाना था। ये तीनों कॉन्टैक्ट या ट्रैवल हिस्ट्री के मामले में यह भी पता नहीं चल सका।
वैक्सीन के लिए आधार कार्ड लेकिन RTPCR के लिए कुछ भी नहीं
दरअसल कोरोनावायरस की जांच के लिए जो सिस्टम बनाया गया है, वही गलत है। वैक्सीन लगवाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है परंतु संक्रमण की जांच कराने के लिए किसी भी प्रकार के सरकारी पहचान पत्र की जरूरत नहीं होती। सैंपल देने वाला जो भी नाम पता बता दे, वही सही मान लिया जाता है। जबकि जांच की प्रक्रिया में नाम पता एवं मोबाइल नंबर का वेरिफिकेशन जरूरी है।
बाकी पॉजिटिव में दो स्कीम 78, दो बिचौली मर्दाना व एक महालक्ष्मी नगर के रहने वाले हैं। इन तीनों की कांटेक्ट हिस्ट्री मिली है। इसके चलते इन तीनों को कोविड केयर सेंटर में एडमिट किया गया है। इसके साथ ही इनके नजदीकी लोगों के सैंपल भी लिए गए हैं। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि जिन तीन लोगों के पते नहीं मिले हैं, उन्हें ढूंढ़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।